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June 25, 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति की चुनावी रेस से बाहर हुए जो बाइडेन, कमला हैरिस बनी राष्ट्रपति पद की दावेदार

अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। पूरी दुनिया की निगाह इन चुनावों पर टिकी हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए अपनी ताल ठोक चुके हैं। उन्हें इस बार मजबूत दावेदार माना जा रहा है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। ऐसे में कमला हैरिस राष्ट्रपति पद की दावेदार हैं। कमला हैरिस वर्तमान में अमेरिका की पहली भारतवंशी अश्वेत उपराष्ट्रपति हैं। उन्हें फीमेल ओबामा भी कहा जाता है. देखा जाए तो कमला हैरिस, अमेरिका में काफी प्रसिद्ध हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जो बाइडन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में अमेरिकियों को संदेश देते हुए कहा कि आपके राष्ट्रपति के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। मेरा इरादा फिर से चुनाव लड़ने का रहा है, लेकिन मेरा मानना ​​है कि यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं इस दौड़ से हट जाऊं और अपने कार्यकाल के शेष समय में राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करूं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कमला हैरिस को दिया समर्थुन
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज मैं कमला हैरिस को इस साल हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन और सहयोग देना चाहता हूं। डेमोक्रेटिक पार्टी के एकजुट होकर ट्रंप को हराने का समय आ गया है। इसी के साथ उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ने का भी ऐलान कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ट्रंप को हराने के लिए सब कुछ करूंगीः कमला हैरिस
कमला हैरिस ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में जो बाइडेन का समर्थन पाकर सम्मानित महसूस कर रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप को हराने के लिए मैं डेमोक्रेटिक पार्टी और हमारे देश को एकजुट करने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करूंगी। उन्होंने कहा कि उनका इरादा नामांकन अर्जित करना और जीतना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमेरिकी इतिहास के सबसे खराब राष्ट्रपति हैं बाइडेनः डोनाल्ड ट्रंप
राष्ट्रपति चुनाव रेस से बाहर होने का ऐलान करने से कुछ ही मिनट बाद सीएनएन से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी इतिहास के सबसे खराब राष्ट्रपति के तौर पर जाने जाते हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को बाइडेन के मुकाबले हराना ज्यादा आसान होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कमला हैरिस की उपराष्ट्रपति बनने की कहानी
कमला हैरिस ने अमेरिका की पहली महिला, पहली भारतवंशी, पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा है। फीमेल ओबामा के नाम से लोकप्रिय हैरिस सीनेट की सदस्य भी पहली बार ही बनी थीं। नवम्बर 2020 में अपनी जीत के बाद ऐतिहासिक भाषण में हैरिस ने अपनी दिवंगत मां श्यामला गोपालन, भारत की एक कैंसर शोधकर्ता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, को याद करते हुए कहा था कि उन्होंने उनके राजनीतिक करियर में इस बड़े दिन के लिए उन्हें तैयार किया था. उन्होंने यह भी कहा था कि वह उपराष्ट्रपति पद पर काबिज होने वाली पहली महिला हो सकती हैं, लेकिन वह अंतिम नहीं होंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कमला हैरिस का राजनीतिक सफर
कमला हैरिस (59 वर्ष) सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं। राष्ट्रपति चुनाव 2020 के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार रहे जो बाइडेन ने अगस्त में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में हैरिस को चुना था। अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी बाइडेन की किसी समय हैरिस कटु आलोचक थीं। हैरिस सीनेट के तीन एशियाई अमेरिकी सदस्यों में से एक हैं। ओबामा के कार्यकाल में वह फीमेल ओबामा के नाम से लोकप्रिय थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कमला का भारत से कनेक्शन
20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने यूसी बर्कले आए थे। यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कमला हैरिस की पढ़ाई
हाई स्कूल के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली कमला जब सात साल की थीं, तब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए। कमला और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहीं और उन दोनों के जीवन पर मां का बहुत प्रभाव रहा। हालांकि वह दौर अश्वेत लोगों के लिए सहज नहीं था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारत से जुड़ी रहीं कमला
कमला और माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया। वह भारतीय संस्कृति से गहरे से जुड़ी रहीं। बाइडेन-हैरिस की प्रचार वेबसाइट पर इस संबंध में कमला ने अपनी आत्मकथा ”द ट्रुथ्स वी होल्ड” में लिखा है कि उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं। उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए कि कैंसर रिसर्चर और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को ‘श्यामला एंड द गर्ल्स’ के नाम से जाना जाने लगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमेरिका में कमला का जलवा
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के बाद हैरिस ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. 2003 में वह सैन फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक बनीं। 2010 में वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति थीं। 2017 में हैरिस कैलिफोर्निया से जूनियर अमेरिकी सीनेटर चुनी गईं। कमला ने 2014 में जब अपने साथी वकील डगलस एम्पहॉफ से विवाह किया तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपरा के साथ साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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