Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 11, 2025

हिंदी दिवस पर आइटीआइ अनुदेशक राजेंद्र जोशी की कविता-हिंदी का सम्मान

हिंदी का सम्मान
सुना है हिन्दी दिवस है आज,
बधाई देने का है रिवाज।
अंग्रेजी में हम सब करते गिटपिट,
कहते फिर भी हिंदी पर नाज।।
देखा है हमने यह अक्सर,
मिलता अंग्रेजी को अवसर।
हिंदी फूटी आंख न भाती,
होती है अपमानित जमकर।।
कहते हम पहचान है हिंदी,
कहें कभी माथे की बिंदी।
लेकिन जब हो रौब जमाना,
झाड़ें इंग्लिश पड़ती फीकी हिंदी।।
हिंदी हम सबकी राष्ट्रभाषा,
शब्द शब्द से जगती आशा।
कण कण में इसके बसा है भारत,
तभी तो हिंदोस्ता कहलाता।।
करना है गर इसका सम्मान,
बढ़ाओ जमकर इसका मान।
लिखो, पढ़ो और बोलो हिंदी,
भावी पीढ़ी को भी दो ज्ञान।।
कवि का परिचय
राजेंद्र प्रसाद जोशी
अनुदेशक (Instructor)
राजकीय आइटीआइ महिला देहरादून, उत्तराखंड।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page