Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 10, 2025

इसरो ने लॉन्च किया देश का पहला सोलर मिशन आदित्य-एल1, पहले 800 किमी दूर का था प्लान, जानिए इसकी खासियत

भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित कर दिया गया है। इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। आदित्‍य एल1 को सूर्य के करीब पहुंचने में लगभग 4 महीने का समय लगेगा। आदित्‍य एल1 लगभग धरती से 15 लाख किलोमीटर दूरी तय करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसरो ने बताया कि आदित्य-एल1 को सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर लैग्रेंजियन पॉइंट 1 (एल1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। उपग्रह और पेलोड एक ही सापेक्ष स्थिति में सूर्य के चारों ओर घूमेंगे और बिना किसी ग्रहण के लगातार सूर्य को देखेंगे। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव का निरीक्षण करने में मदद मिलेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्लाज्मा तापमान का करेगा अध्ययन
बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) के प्रोफेसर जगदेव सिंह ने इस मिशन से जुड़ी कई अहम जानकारी साझा की है। ये जगदेव सिंह ही थे, जिनके शुरुआती प्रयासों से विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ पेलोड का विकास हुआ, जिसे आदित्य एल1 अंतरिक्ष में लेकर जाएगा। प्रोफेसर जगदेव सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि इस मिशन के साथ हम सूर्य के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने में सक्षम होंगे। इसमें तापमान प्लाज्मा भी शामिल है। मिशन इस बात का पता लगाने की कोशिश करेगा कि प्लाज्मा तापमान इतना अधिक क्यों हो जाता है। ऐसी क्या प्रक्रिया होती है, जिनके कारण ठंडा प्लाज्मा गर्म हो जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहले 800 किमी दूर ही स्थापित करने का था प्लान
प्रोफेसर जगदेव सिंह ने बताया कि प्रारंभिक योजना इसे 800 किमी की निचली पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च करने की थी, लेकिन 2012 में इसरो के साथ चर्चा के बाद ये फैसला लिया गया कि मिशन को सूर्य-पथ्वी प्रणाली के एल1 (लैग्रेंज प्वाइंट -1) के चारों ओर एक हेलो कक्षा में डाला जाएगा। इस प्वाइंट की पृथ्वी से दूरी 15 लाख किलोमीटर है। यहां पर पृथ्वी और सूर्य एक दूसरे के गुरुत्वाकर्षण को बेअसर कर देते हैं, जिससे वस्तुएं यहां स्थिर बनी रहती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस तरह पड़ी इस मिशन की नींव
सिंह ने बताया कि 16 फरवरी 1980 को भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण हुआ था। उस समय आईआईए के फाउंडर-डायरेक्टर एम के वेणु बाप्पु ने जगदेव सिंह सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया। 1980 से 2010 के दौरान सिंह ने 10 अभियान चलाए, लेकिन समस्या थी कि ग्रहण के दौरान केवल 5-7 मिनट ही मिलते हैं। लंबी स्टडी के लिए ये काफी नहीं है। इसके बाद उन्होंने अध्ययन में मदद के लिए इसरो और अन्य एजेंसियों में लोगों से बात की। 2009 के आसपास ऐसे संभावित मिशन के बारे में बातचीत शुरू हुई और 2012 में इसकी ठोस योजना विकसित हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इतने दिन में तय करेगा निर्धारित दूरी
आदित्य एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट-1 तक पहुंचने में 127 दिन लगेंगे। इसके बाद कुछ परीक्षण किए जाएंगे। सिंह के मुताबिक, अगले साल फरवरी या मार्च तक डेटा आना शुरू हो जाएगा। वैसे तो एक सैटेलाइट की उम्र 5 साल तक न्यूनतम रहने की संभावना की जाती है, लेकिन आदित्य एल1 10 से 15 साल तक डेटा दे सकता है। खास बात ये है कि ये अंतरिक्ष में एल1 प्वाइंट पर रखा जाएगा जो एक स्थिर बिंदु है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

L1 प्वाइंट पर गुरुत्वाकर्षण न होने के चलते इसे कोई सघर्ष नहीं करना होगा, इसलिए इसकी उम्र अधिक होने की उम्मीद की जा रही है। मिशन जब डेटा देना शुरू करेगा तो ये पहली बार होगा कि हम विजिबल इमिशन लाइन पर डेटा हासिल करेंगे। अब तक कोई भी लगातार डेटा हासिल करने में सक्षम नहीं हो पाया है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Paslaptingi virtuvės būdai, skaniausių patiekalų receptai ir naudingos patarimai daržo priežiūrai - visa tai ir daugiau jūsų laukia mūsų svetainėje. Išmokite naujus triukus, kurie palengvins jūsų gyvenimą virtuvėje, bei sužinokite patarimus, kaip pasirūpinti savo daržu, kad jis būtų sveikas ir gausus. Įkvėpkite save naujais idėjomis ir atraskite naudingus patarimus mūsų svetainėje! Sudėtingas dėlionės išbandymas: išmėginkite save per Greitas superintelekto testas: raskite 2 Ar jūs esate optimistas, ar mąstytojas: iššūkis, kuris atskleis Viena moteris suklupo, laikydamasi Meghan Markle dietos: ką Neteisingas elgesys: tikrai atsargūs žmonės suras klaidą per 11 Transporto priemonių lygumas: kokia turi būti suteikta pirmenybė kelio davime Išmanumas bandomas bėgant: iššūkis surasti keistą batų porą per 7 Įdomus galvosūkis: suraskite citrinas per 5 sekundes! Neįmanoma užduotis: ieškoti adatos šienoje Žaidimas: Iš 9 sekundžių Vyrų skirtumai: matomi tik tiems, kam suteiktas erelio Tik 2 proc. žmonių gali Įdomus intelektinis iššūkis: raskite teisingą sprendimą lygybėje Akli žmonės netveria klastingos meškos: Išbandykite savo intelektą: raskite 3 skirtumus santechnikos „Išmokite, kaip lengvai paruošti skanius patiekalus namuose! Su mūsų patarimais ir receptais jūs galėsite virti sveikus ir skanias maisto patiekalus savo šeimai. Be to, mes pasidalinsime su jumis naudingais gyvenimo patarimais, kurie padės jums kasdien lengviau susidoroti su kasdieniniais iššūkiais. Taip pat rasi įdomių straipsnių apie sodo darbus, kurie padės jums pasirūpinti savo sodu ir turėti gausų derlių.“