दून के डीएम के निर्देश, कोविड मरीजों के तीमारदारों से अस्पताल ना मंगाएं खाना, खुद करें व्यवस्था, प्रशासन करेगा भुगतान

देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मरीज के तीमारदारों को अस्पतालों में ना आने दिया जाए। ऐसे लोगों से मरीज के लिए भोजन भी ना मंगवाया जाए। भोजन की व्यवस्था अस्पताल ही करे। इसकी जो तय कीमत है, उसका भुगतान प्रशासन करेगा। इस संबंध में उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारियों और विभिन्न नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि ये व्यवस्था लागू कराई जाए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को कहा कि सभी चिकित्सालयों को निर्देशित कर दिया जाए कि चिकित्सालय में कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के साथ आने वाले तीमारदारों का ना बुलाया जाए। उनको भी क्लोज कांटेक्ट मानते हुए उनकी सैंपलिंग की जाए। ताकि संक्रमण फैलने की सम्भावना ना रहे। साथ ही तीमारदारों से संक्रमित व्यक्ति के लिए दवाई एवं खाना ना मंगाया जाए।
उन्होंने कहा कि मरीजों के लिए खाने की व्यवस्था संबंधित चिकित्सालय ही करेगा। इसका वह सरकार से निर्धारित दर पर भुगतान प्राप्त करेंगे। उन्होने कहा कि जो कोविड चिकित्सालय बनाए बनाए गए हैं, उनमें सभी सुविधाएं मौजूद हों। उन्होंने कहा कि सुविधा वाले चिकित्सालयों दून, श्री महन्त इंदिरेश चिकित्सालय एवं हिमालयन अस्पताल में आईसीयू बेड, बढाए जाएं। उन्होंने कहा कि को-मोर्बिडिटी अवस्था वाले व्यक्तियों को अनिवार्यतः ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कांटेक्ट ट्रेसिं हैं, उनका अनिवार्यतः सैंपल प्राप्त किया जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि समस्त लैब से प्रत्येक दिन प्राप्त किए गए सैम्पल की एंट्री निर्धारित समय पर करते हुए उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। किसी प्रकार से सैंपल की एंट्री को लंबित न रखें।
उन्होंने उप जिलाधिकारी चकराता को निर्देश दिए कि चकराता क्षेत्र में कांट्रेक्ट ट्रेसिंग कार्य में तेजी लाएं। जिन क्षेत्रों में शादी-विवाह अथवा अन्य आयोजन हुए हैं, वहां पर भी सैंपल लिए जाएं। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि कोविड-19 सक्रमण कार्य में विभिन्न ड्यूटियों में लगे कार्मिकों, वाहन चालकों, सफाई कर्मियों का टीकाकरण करना सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावी सर्विलांस कार्य करवाने, शादी विवाह एवं अन्य आयोजनों में मानको के अनुरूप निर्धारित संख्या में व्यक्तियों के शामिल होना सुनिश्चित कराया जाए। इसके लिए संबंधित ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को सहयोग प्राप्त कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि यह भी देख लिया जाए कि जो व्यक्ति शहरों तथा अन्य राज्यों से गांव आ रहे हैं, उनके लिए क्वारंटीन रहने की व्यवस्था गांव में कर ली जाए।
उन्होंने उप जिलाधिकारियों से कहा कि कंटेनमेंट जोन क्षेत्र से कोई भी व्यक्ति अन्य क्षेत्रों में आवागमन ना कर पाएं। उन्होंने कहा कि जिन जम्बो साईटों पर स्थान है तथा टीकाकरण साईट बढाने की सम्भावना है, वहां पर पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि टीकाकरण केन्द्र पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।