है ना अजीबोगरीब बात, सरकार और प्रशासन के बजाय कांग्रेस से लगा रहे गुहार
किसी भी समस्या के समाधान के लिए वहां गुहार लगाई जाती है, जहां से समस्या ठीक हो। यानी जो सत्ता में हो। सरकार हो या फिर प्रशासन में। अब इसे क्या कहेंगे कि महिला कर्मियों को सरकार और शासन से विश्वास उठ गया और वे समस्याओं को लेकर कांग्रेस की शरण ले रहे। उस कांग्रेस की जो न सत्ता में है और न दमदार विपक्ष की हैसियत रखती है। ऐसे में उनकी समस्या का कितना समाधान होगा यह कहना मुश्किल है।
यहां बात हो रही है उत्तराखंड में महिला शशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की। यहां कार्यरत महिलाओं ने अपनी समस्याओं को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना को ज्ञापन सौंपा। तर्क दिया गया कि वे उनकी आवाज बनेंगे और इस मामले को दमदार तरीके से उठाएंगे। अब वो कितना इस मामले को उठाते हैं या फिर सुलझाते हैं, ये किसी को पता नहीं। ये आने वाला वक्त बताएगा। इतना जरूर है कि कांग्रेस को एक मुद्दा जरूर मिल गया।
इस बात को हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि सूर्यकांत धस्माना ने ही पत्रकार वार्ता में इसका जिक्र किया। या यूं कह लें कि उनकी पत्रकार वार्ता का विषय ही महिला शशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग रहा। उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों व नौकरशाही में जारी टकराव के कारण आज राज्य में अराजकता की स्थितियां पैदा हो रही हैं। इससे ज्यादा दुर्भग्यपूर्ण स्थितियां क्या हो सकती हैं कि राज्य की एक मंत्री के विभाग में कोई आईएएस अधिकारी कार्यभार सम्भालनने को तैयार नहीं है।
धस्माना ने कहा कि आज महिला शशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग लावारिस पड़ा है। इस विभाग के अंतर्गत चलने वाली तमाम केंद्रीय सरकार की वित्त पोषित योजनाएं चाहे वो प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना हो, राष्ट्रीय पोषण मिशन, महिला शक्ति केंद्र, वन स्टॉप सेंटर हो या महिला हेल्प लाइन। ये सब योजनाएं पटरी से उतरी हुई हैं। क्योंकि जिस कम्पनी टीडीएस के पास इसका अनुबंध था, उसको विभाग ने ब्लैक लिस्ट कर दिया।
उन्होंने कहा कि नई कम्पनी के साथ अभी अनुबंध के मामले में मंत्री व सचिव का झगड़ा जग जाहिर है। धस्माना ने कहा कि टीडीएस कम्पनी के साथ काम करने वाले 380 कर्मियों का नौ महीने का वेतन का भुगतान नहीं किया गया। आज कम्पनी के साथ अनुबंध खत्म होने व नई कम्पनी को काम आवंटित न होने के कारण ये 380 कार्मिक आज सड़क पर हैं। इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय बनी हुई है।
धस्माना ने कहा कि इस संबंध में इन योजनाओं में काम करने वाले कर्मियों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व उनसे सहयोग मांगा है। आगामी 19 अक्टूबर को उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वे कांग्रेस की ओर से भागीदारी करेंगे। धस्माना ने त्रिवेंद्र सरकार से महिला शशक्तिकरण व बाल विकास विभाग में इन तमाम योजनाओं में कार्य कर रहे कर्मियों का रुका हुआ नौ महीनों का वेतन अवमुक्त करने के आदेश करने की मांग की।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।