गैरसैंण की बजाय दून में विधानसभा सत्र के लिए लगातार बनाई जा रही है भूमिका, कांग्रेस पहले ही कर चुकी थी दावा

उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में गर्मियों के दौरान विधानसभा का बजट सत्र नहीं हो पाया था। पहले सात जून 2022 से गैरसैंण में विधानसभा का सत्र होना था, लेकिन चारधाम यात्रा के बहाने इसकी तिथि बदली और इसे 14 जून से देहरादून में आयोजित किया गया। तब तर्क दिया गया कि चार धाम यात्रा, राज्यसभा चुनाव, मौसम जैसे कारणों के चलते बजट सत्र की तिथि आगे बढ़ाने या फिर इसे देहरादून में ही आयोजित करने की मांग विधायकों की ओर से उठाई जा रही थी। अब शीतकालीन सत्र को भी देहरादून में आयोजित करने की भूमिका बंधनी शुरू हो गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, ग्रीष्मकाल में गैरसैंण में सत्र ना कराने के पीछे तब जो तर्क दिए गए थे, वो गले नहीं उतरते हैं। क्योंकि हर ग्रीष्मकाल में चारधाम यात्रा संचालित होती है। ऐसे में यात्रा के दौरान सत्र गैरसैंण की बजाय देहरादून में कराने का फैसला समझ से परे था। साथ ही एक सवाल ये भी है कि यदि गैरसैंण में विधानसभा सत्र नहीं कराया जाना है, तो वहां विधानसभा के नाम पर आधारभूत ढांचा खड़ा कर धन की बर्बादी क्यों की गई है। या फिर गैरसैंण में विधानसभा सत्र का आयोजन चुनावी साल के दौरान ही कराने में सरकार की दिलचस्पी रहती है। मालूम हो कि राज्य आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की मुख्य मांग गैरसैंण को राजधानी बनाने की भी थी। हालांकि कई बार गैरसैंण में सत्र आयोजन का ड्रामा हो चुका है। अब चुनावी साल नहीं है तो इसे खटाई में डाला जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब फिर से विधानसभा के आगामी सत्र के लिए कसरत शुरू हो गई है। सत्र 16 दिसंबर से पहले होना है। इस कड़ी में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाकर सत्र की तिथि और स्थान को लेकर विमर्श किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि गैरसैंण में भी सत्र होता है तो इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसके लिए विधायकों से राय मांगी गई थी। माना जा रहा है कि सत्र 15 नवंबर के बाद कभी भी हो सकता है। इसके स्थान को लेकर अब संकेत मिल रहे हैं कि सत्र देहरादून में होगा। क्योंकि इसके लिए भूमिका बनानी शुरू कर दी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर विधानसभा का आगामी शीतकालीन सत्र देहरादून में आयोजित करवाने का अनुरोध किया है। दो नवंबर 2022 को प्रेषित अपने पत्र में यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने मुख्यमंत्री श्री धामी से अनुरोध किया है कि उत्तराखंड की आमजन भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए ग्रीष्मकालीन विधानसभा सत्र को गैरसैण तथा शीतकालीन विधानसभा सत्र देहरादून में संपन्न कराया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विदित है कि इससे पूर्व एक नवंबर 2022 को खानपुर विधायक उमेश कुमार तथा लक्सर विधायक शहजाद ने भी पत्रों के माध्यम से विधानसभा का आगामी शीतकालीन सत्र देहरादून में आयोजित करवाने का अनुरोध किया है। खानपुर विधायक उमेश कुमार ने उत्तराखंड में आमजन की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए ग्रीष्मकालीन विधानसभा सत्र को गैरसैण में तथा शीतकालीन विधानसभा सत्र देहरादून में संपन्न कराए जाने तथा लक्सर विधायक शहजाद ने गैरसैण में अत्यधिक ओलावृष्टि, वर्षा तथा निरन्तर हिमपात होने के कारण विधानसभा का शीतकालीन सत्र देहरादून में ही आयोजित करवाने का आग्रह किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस पहले कह चुकी है कि सरकार का ड्रामा
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा सरकार पर गैरसैंण की उपेक्षा का आरोप लगा चुका हैं। कुछ दिन पूर्व उन्होंने कहा था कि सरकार की गैरसैंण में सत्र कराने की कोई तैयारी ही नहीं है। जब गर्मियों में सत्र कराने लायक मौसम था, तब चार धाम यात्रा का बहाना बनाया गया। अब जब सरकार के पास कड़ाके की ठंड में गैरसैंण में सत्र कराने की कोई तैयारी ही नहीं है, तो सिर्फ शिगूफा छोड़ा जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा था कि हकीकत यही है कि सत्र देहरादून में ही होगा। कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए करन माहरा ने कहा था कि गैरसैंण में यदि इस समय सत्र होता है, तो वहां पुलिस कर्मियों समेत अन्य स्टाफ के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। जब बर्फ पड़ने जैसा मौसम हो गया है, तो इतनी ठंड में बिना तैयारियों के ये स्टाफ कैसे रहेगा। न तो वहां इनके लिए शेड हैं। न ही अन्य कोई और इंतजाम। ऐसे में सिर्फ वाहवाही लूटने के प्रयास नहीं होने चाहिए। सरकार को वहां तैयारी करनी चाहिए। कहा कि सरकार ने गैरसैंण में कोई काम नहीं कराया। न ही कोई तैयारी की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा था कि गर्मियों में गैरसैंण में सत्र कराने का अनुकूल मौसम था। उस समय कहा गया कि चार धाम यात्रा है। चार धाम यात्रा तो हर साल होती है और होती रहेगी। ऐसे में क्या गैरसैंण में सत्र का आयोजन ही नहीं होगा। अब जो हालात हैं, उसके लिहाज से यही लग रहा है कि सत्र फिर देहरादून में ही होगा।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।