40 साल में लगा सबसे बड़ा झटका, भारत की विकास दर -7.3 फीसद लुढ़की

कोरोना महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। 40 साल में भारत की विकास दर को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। वित्तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर -7.3 प्रतिशत रही, जो पिछले चार दशक से अधिक समय में यह सबसे खराब प्रदर्शन है। जनवरी से मार्च 2021 के चौथे क्वार्टर में विकास दर 1.6 फीसद दर्ज की गई थी। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2020-21 के पहले क्वार्टर में विकास दर झटका खाते हुए 24.38 रही थी।
वित्त वर्ष 2019-20 में चार प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी, जो 11 वर्ष के लिहाज से सबके कम थी। अर्थव्यवस्था के लिहाज ये यह खराब प्रदर्शन मैन्युफेक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर के संकुचन के कारण था। वित्त वर्ष 2020-21 के पहले क्वार्टर में विकास दर झटका खाते हुए 24.38 रही थी।
देश का वित्तीय घाटा 78 हजार करोड़ रुपये का रहा है, जो पिछले साल के 2.9 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले काफी कम है। अप्रैल में आठ कोर इंडस्ट्री यानी आठ मूलभूत उद्योगों की वृद्धि दर की बात करें तो यह 56.1 फीसदी रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी ग्रोथ रेट का यह आंकड़ा जारी किया गया है. इससे पता चलता है कि 1980-81 के बाद पहली बार जीडीपी ऋणात्मक रहते हुए सिकुड़ गई है। यानी इसमें बढ़ोतरी के बजाय कमी आई है। आठ बुनियादी सेक्टरों कोयला, क्रूड, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रोडक्ट, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट, बिजली की ग्रोथ रेट मार्च में 11.4 के मुकाबले अप्रैल में 56.1 फीसदी रही है। नेचुरल गैस, स्टील, सीमेंट और बिजली के क्षेत्र में प्रदर्शन शानदार रहा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।