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March 10, 2025

पर्यावरण प्रदर्शन की सूची में भारत अंतिम 180 वें स्थान पर, यहां रूटीन की सफाई भी होती है पीएम की प्रेरणा से, केदारनाथ में इसका उदाहरण

दुनिया के 180 देशों की पर्यावरण प्रदर्शन की सूची में भारत अंतिम पायदान पर है। हो सकता है सरकार इस सूची को खारिज कर दे।

दुनिया के 180 देशों की पर्यावरण प्रदर्शन की सूची में भारत अंतिम पायदान पर है। हो सकता है सरकार इस सूची को खारिज कर दे। जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की भारत में कोरोना से 45 लाख लोगों की मौत की रिपोर्ट को भी सरकार ने खारिज कर दिया। फिलवक्त भारत की इस रिपोर्ट से दुनिया में अच्छी छवि नहीं बनी है। क्योंकि विश्व गुरु बनने का सपना देख रहे भारत की छवि को इस तरह की रिपोर्ट झटका लगाती हैं। अब यहां साफ सफाई का क्या हाल है। इसका उदाहरण चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम और यात्रा रूट की सफाई व्यवस्था से ही देख सकते हैं।
यहां पीएम की प्रेरणा से होती है सफाई
चारधाम यात्रा शुरू होते ही सोशल मीडिया में धाम के साथ ही रास्तों और खाली स्थानों पर कचरे के ढेर की फोटो भी वायरल हुई। इसमें ये बात भी गौर करने लायक है कि चारधाम में प्लास्टिक प्रतिबंधित है, लेकिन कचरे में प्लास्टिक वेस्ट ही जहां तहां दिखाई दे रहा है। अब रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन नींद से जागा और यात्रा रूट पर सफाई का अभियान चलाया। इस अभियान को लेकर जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से सफाई अभियान चलाया जा रहा है।

रुटीन के काम का भी किया जाता है प्रचार
प्रधानमंत्री की प्रेरणा, यानि की लिखी लिखाई स्क्रीप्ट। हर बात में पीएम का नाम। अब सवाल ये है कि क्या चारधाम में प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही सफाई की जानी चाहिए, या फिर ये रूटीन का काम है। अब बात वैष्णो देवी यात्रा की कर ली जाए। करीब दस साल पहले मैने जब वैष्णो देवी की पैदल 14 किलोमीटर की यात्रा की थी तो पूरे रास्ते भर सफाई होती देखी। सड़क से घोड़े और खच्चरों की लीद को हाथों हाथ उठाया जा रहा था। पूरी सड़क पर 24 घंटे झाड़ू लगाने के लिए कर्मी तैनात थे। फिर सवाल उठता है कि उत्तराखंड में यात्रा रूट पर नियमित सफाई क्यों नहीं की जाती है। ये तो जिला पंचायत, नगर पंचायत सहित अन्य ऐसेंसियों का रूटीन का काम है। फिर इसमें प्रधानमंत्री की प्रेरणा कहां से बीच में आ गई। अब स्कूल में पढ़ाने का शिक्षक का रुटीन काम है। यदि इसका भी यदि ऐसे प्रचार होगा तो शिक्षक पढ़ा रहा है, वो भी पीएम की प्रेरणा से समझ लिया जाए कि पहले पढ़ाई नहीं होती रही। ठीक इसी तरह साफ सफाई हर घर, हर दफ्तर, हर स्कूल, हर कस्बों, हर पंचायत, नगर पालिका का रुटीन का काम है।
पर्यावरणीय प्रदर्शन में भारत की सबसे खराब स्थिति
पर्यावरणीय प्रदर्शन के मामले में अमेरिका स्थित संस्थानों के एक सूचकांक में भारत 180 देशों की सूची में सबसे निचले पायदान है। येल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल लॉ एंड पॉलिसी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफॉर्मेशन नेटवर्क की ओर से हाल में प्रकाशित 2022 पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (EPI) में डेनमार्क सबसे ऊपर है। इसके बाद ब्रिटेन और फिनलैंड को स्थान मिला है। इन देशों को हालिया वर्षों में ग्रीनहाउस (Greenhouse) गैस उत्सर्जन में कटौती के लिए सर्वाधिक अंक मिले।

EPI दुनिया भर में स्थिरता की स्थिति का डेटा-आधारित सार मुहैया कराता है। EPI 11 श्रेणियों में 40 प्रदर्शन संकेतकों का उपयोग करके 180 देशों को जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिति के आधार पर अंक देता है। इस सूची में भारत अंतिम 180वें स्थान पर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे कम अंक भारत (18.9), म्यांमा (19.4), वियतनाम (20.1), बांग्लादेश (23.1) और पाकिस्तान (24.6) को मिले हैं। कम अंक पाने वाले अधिकतर वे देश हैं, जिन्होंने स्थिरता पर आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी या जो अशांति और अन्य संकटों से जूझ रहे हैं। इसमें कहा गया है कि तेजी से खतरनाक होती वायु गुणवत्ता और तेजी से बढ़ते ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के साथ भारत पहली बार रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर आ गया है। चीन को 28.4 अंकों के साथ 161वां स्थान मिला है। अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि उत्सर्जन वृद्धि दर पर अंकुश लगाने के हालिया वादे के बावजूद, चीन और भारत के 2050 में ग्रीनहाउस गैसों के सबसे बड़े और दूसरे सबसे बड़े उत्सर्जक देश बनने का अनुमान है।
केदारनाथ धाम में सफाई का भी किया जा रहा है प्रचार
केदारनाथ धाम में यात्रा रूटों पर सफाई के रूटीन का कार्यों का भी प्रचार किया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा प्रेस नोट जारी किया जा रहा है। ऐसे में यही लगता है कि रुटीन का सफाई कार्य भी यात्रा रूट में नियमित नहीं लगता है। तभी तो अभियान के तहत हर दिन भारी मात्रा में कचरा एकत्रित किया जा रहा है। इसमें प्लास्टिक वेस्ट भी है। यानि कि लोग अपने साथ प्लास्टिक वेस्ट ले जा रहे हैं। इसे रास्ते में ही रोकने के लिए चेकिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां हम रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन का प्रेस नोट हूबहू लिख रहे हैं। जैसा इसमें कहा गया है।

ये है प्रेस नोट
स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम के तहत श्री केदारनाथ धाम एवं यात्रा मार्ग में बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था किए जाने तथा मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से केदारनाथ धाम एवं यात्रा मार्ग में आज दसवें दिन भी लगातार विशेष स्वच्छता अभियान जारी रहा। केदारनाथ यात्रा मार्ग एवं केदारनाथ धाम में पर्यावरण के संरक्षण के लिए बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सुलभ संस्था, जिला पंचायत एवं नगर पंचायत केदारनाथ को विशेष स्वच्छता अभियान चलाये जाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि केदारनाथ धाम व यात्रा मार्ग साफ एवं स्वच्छ रहे और पर्यावरण को भी कोई नुकसान न हो।
जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में केदारनाथ धाम व यात्रा मार्ग में नगर पंचायत केदारनाथ एवं सुलभ संस्था द्वारा आज दसवें दिन भी लगातार विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस आशय की जानकारी देते हुए सहायक निदेशक शहरी विकास विनोद ने अवगत कराया है कि केदारनाथ धाम में एवं नदी के किनारों में विशेष सफाई अभियान चलाया गया जिनके किनारों से प्लास्टिक अपशिष्ट व कूड़ा एकत्रित किया गया। इस अभियान के दौरान लगभग 02 क्विंटल कूड़ा एकत्रित किया गया जिसके निस्तारण की उचित कार्यवाही की जा रही है।
अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत राजेश कुमार ने अवगत कराया कि जिला पंचायत द्वारा आज दसवें दिन भी लगातार सफाई अभियान चलाया गया, जिसमें केदारनाथ यात्रा मार्ग बैरांगना, मैखंडा, फाटा हैलीपैड़, मैन बाजार फाटा आदि क्षेत्रों में पर्यावरण मित्रों द्वारा बिसलेरी की बोतल, पाॅलीथीन एवं कचरा एकत्रित किया गया। उन्होंने बताया कि विशेष स्वच्छता अभियान के तहत लगभग 03 क्विंटल कूड़ा एकत्रित किया गया जिसके उचित निस्तारण की कार्यवाही की जा रही है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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