कपड़ों में जीएसटी की बढ़ी दर टाली, जूतों पर कल से लागू हो जाएंगी नी दरें
जीएसटी काउंसिल की बैठक में कपड़ों पर जीएसटी दर बढ़ाने का मुद्दा छाया रहा। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी परिषद ने सर्वसम्मति से कपड़ा पर जीएसटी में 5 फीसद से 12 फीसद की बढ़ोतरी को टालने का फैसला किया है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में कपड़ों पर जीएसटी दर बढ़ाने का मुद्दा छाया रहा। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी परिषद ने सर्वसम्मति से कपड़ा पर जीएसटी में 5 फीसद से 12 फीसद की बढ़ोतरी को टालने का फैसला किया है। भविष्य के रोडमैप के लिए परिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे पर फिर से चर्चा की जाएगी।दरअसल, एक जनवरी 2022 से टेक्सटाइल और जूतों पर पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी जीएसटी लगने जा रहा है। राज्य सरकारों से लेकर इन क्षेत्रों स जुड़े उद्योग और कारोबारी इसका विरोध कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इसे देखते हुए जीएसटी दर बढ़ाने का फैसला टल गया है। परिषद की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में फुटवियर एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था।
प्रेस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने आपात बैठक में कपड़े पर कर की दर बढ़ाकर 12 प्रतिशत नहीं करने का निर्णय किया है, कर 5 प्रतिशत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों के मंत्रियों के समूह ने जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने पर विचार के लिये फरवरी तक का समय दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ गुरुवार को हुई बजट-पूर्व बैठक में भी कई राज्यों ने कपड़ा उत्पादों पर जीएसटी दर बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाते हुए इस पर विरोध जताया। गुजरात ने कपड़ा उत्पादों पर बढ़ी हुई दर को स्थगित करने की मांग रखी। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैठक में कहा कि इससे पूरे टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भारी नुकसान होगा। साथ ही यह फैसला आम आदमी के अनुकूल नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल पर पांच फीसदी ही जीएसटी लगना चाहिए। इस मांग का पश्चिम बंगाल, दिल्ली, राजस्थान एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों ने भी समर्थन किया है।
जूते- चप्पल पर कल से जीएसटी की बढ़ी दरें लागू हो जाएंगी। बता दें कि फुटवेयर दुकानदारों का कहना था कि सरकार ने जो हजार रुपए का जूता-चप्पल बनाते थे, उन पर भी GST बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया। इससे हमारा कारोबार की लागत बढ़ेगी।





