उत्तराखंड में आज से पहली से 12वीं की क्लास ऑफलाइन मोड में, अब स्कूल वसूल सकेंगे पूरा शुल्क
उत्तराखंड में पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को एक अप्रैल यानी कि आज से ऑनलाइन पढ़ाई से मुक्त कर दिया गया है। इन स्कूलों में सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी विद्यालय शामिल हैं।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रभाव में कमी को देखते हुए सरकार ने कोरोना संबंधी सारी पाबंदिया हटा दी हैं। सिर्फ अब भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। समस्त शिक्षा बोर्डों से संबद्ध शिक्षण संस्थानों पर लगाई गई पाबंदी हटाई जा रही हैं। इस कड़ी में सरकार ने 12वीं तक सभी विद्यालयों को हाईब्रिड मोड यानी आफलाइन के साथ आनलाइन मोड में भी पढ़ाई कराने का आदेश वापस लिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी किए। अब विद्यालयों में शिक्षण कार्य भौतिक रूप से संचालित होगा।
हालांकि आनलाइन क्लास सरकारी स्कूलों में बंद कर दी गई थी, लेकिन निजी स्कूलों में इसे अभिभावकों की मर्जी पर छोड़ा गया था। निजी स्कूलों में अभिभावक फीस बचाने के फेर में बच्चों को आफलाइन मोड में पढ़ाने के लिए स्कूल भेजने के बच रहे थे। इसका नतीजा ये निकला कि घरों से आनलाइन पढ़ाई भी बच्चे सही ढंग से नहीं कर पाए और पहली से आठवीं, नवीं और 11वीं की परीक्षा में फेल होने वाले बच्चों की संख्या भी काफी अधिक रही। वहीं, पूरी फीस न मिलने से निजी शिक्षा संस्थान कोरोना की पहली लहर से ही शिक्षकों के वेतन में कटौती कर रहे थे।
अब सभी कक्षाओं को भौतिक रूप से संचालित करने के दौरान कोविड-19 के संबंध में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का कड़ाई से पालन करना होगा। विद्यालयों को नए शैक्षिक सत्र से शिक्षण शुल्क के साथ नियमानुसार अन्य शुल्क लेने की छूट भी बहाल की गई है। कोरोना महामारी के चलते विद्यालय बंद होने और आनलाइन पढ़ाई कराने के दौरान सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने के ही आदेश दिए गए थे। निजी विद्यालय हाईब्रिड मोड में पढ़ाई की बाध्यता और अन्य शुल्क लेने में लगी रोक हटाने की मांग कर रहे थे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।