उत्तराखंड में अशासकीय महाविद्यालयों की बर्बादी के विरोध में कांग्रेस नेता धस्माना ने खटखटाया सीएस का दरवाजा, बोले- निजी कॉलेजों को प्रोत्साहन क्यों
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज राज्य में अशासकीय महाविद्यालयों की बर्बादी के विरोध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के साथ सांठगांठ कर गरीब लोगों की शिक्षा पर चोट की जा रही है। एक तरफ निजी विश्वविद्यालयों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ अशासकीय महाविद्यालयों को उपेक्षित कर उन्हें बदहाल बनाया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर कांग्रेस नेता धस्माना ने मुख्य सचिव को 16 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा। साथ ही अशासकीय महाविद्यालयों में नियुक्तियों पर लगी रोक को तत्काल हटाने की मांग की। साथ ही उन्होंने सीएम शोध प्रोत्साहन से लेकर नैक एक्रीडेशन में भेद भाव पर भी रोष जताया। उन्होंने मुख्य सचिव को बताया कि उत्तराखंड के अशासकीय महाविद्यालयों के साथ राज्य की सरकार की ओर से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ऐसे में प्रदेश के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान आज बदहाली का दंश झेल रहे हैं। वहीं एक साजिश के तहत इनका भविष्य ही खतरे में पड़ गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि राज्य का प्रमुख शिक्षण संस्थान डीएवी महाविद्यालय, डीबीएस महाविद्यालय व एमकेपी कालेज समेत सभी अशासकीय महाविद्यालयों में वर्ष 2019 से नियुक्तियों पर पाबंदी है। राज्य सरकार से समय पर अनुदान जारी करने में देरी के कारण कभी कभी शिक्षकों और कर्मचारियों को चार चार महीनों तक वेतन नहीं मिलता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि डीएवी महाविद्यालय में कुल 183 स्वीकृत पदों में से 56 पद शिक्षकों के रिक्त पड़े हैं। एमकेपी महाविद्यालय का तो हाल यह है कि वहां कुल 63 पदों में से 49 पद रिक्त पड़े हैं। इसके कारण अनेक संकायों में शिक्षक ना होने के कारण बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा। धस्माना ने कहा कि इसी प्रकार राज्य के सभी सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में नियुक्तियों पर रोक के कारण वहां लोगों ने अपने बच्चों को प्रवेश दिलवाना हो बंद कर दिया। इससे ऐसे महाविद्यालयों की स्थिति बंदी की कगार पर पहुंच गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में सरकारी महाविद्यालयों को जो सुविधाएं राज्य सरकार दे रही है, उसकी तुलना में राज्य के अशासकीय महाविद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव को सोलह 16 मांग पत्र सौंपते हुए मांग की कि राज्य के अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों व शिश्नेतर कर्मचारियों की नियुक्ति पर से प्रतिबंध तत्काल हटाया जाय। मृतक आश्रित की भर्ती भी खोली जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी महाविद्यालयों की भांति सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में भी सीएम शोध प्रोत्साहन योजना, नैक एक्रीडेशन पर वित्तीय प्रोत्साहन, मकान किराए में समानता लागू की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि अशासकीय महाविद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी के लिए निजी महाविद्यालयों व निजी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर कमेटी गठित की जाय। मुख्य सचिव श्रीमति राधा रतूड़ी ने धस्माना को आश्वाशन दिया कि वे मांग पत्र पर यथोचित कार्यवाही करेंगी। धस्माना के साथ डीएवी कालेज एल्युमिनी के वरिष्ठ सदस्य डाक्टर अनिल जग्गी, अनुज शर्मा भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
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