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August 1, 2025

टैरिफ को लेकर ट्रंप की धमकी का असर, भारत की सरकारी कंपनियों ने रूस से तेल खरीदना किया बंद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस से व्यापार करने को लेकर बार बार दी जा रही धमकी का असर अब दिखाई देने लगा है। भारत की सरकारी रिफाइनरियों ने बीते एक हफ्ते से रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद कर दी है। इसकी वजह है रूस की ओर से दी जा रही छूट में कमी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त चेतावनी दोनों को ही माना जा रहा है। ट्रंप ने 14 जुलाई को धमकी दी थी कि जब तक रूस और यूक्रेन के बीच बड़ा शांति समझौता नहीं होता, जो देश रूस से तेल खरीदेंगे उन पर 100% टैरिफ लगाया जा सकता है। यह जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दी है। हालांकि, ट्रंप की भारत लेकर की जा रही बार बार उटपटांग टिप्पणियों का जवाब भी भारत सरकार नहीं दे रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

30 जुलाई को भी दी भारत को धमकी
इसके अलावाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 30 जुलाई, 2025 को भी भारत को धमकी दी। साथ ही घोषणा की कि भारत से आयात पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगेगा। साथ ही जुर्माना भी लगेगा। उन्होंने रूस से ऊर्जा और सैन्य उपकरणों की भारत की खरीद, उसके उच्च टैरिफ और व्यापार के लिए उसकी “कठोर और अप्रिय” गैर-मौद्रिक बाधाओं का हवाला दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारतीय अर्थव्यवस्था को बताया मृत
एक तरफ भारत खुद को दुनिया की सबसे बड़ी चौथी अर्थव्यवस्था में पहुंचने का दावा कर रहा है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति भारत पर बार बार हमले कर रहे हैं। एक बार फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत अर्थव्यवस्था बताया। साथ ही रूस के साथ भारत के संबंधों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं ने भारत की आर्थिक विकास दर अमेरिका से बेहतर रहने का अनुमान जताया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारत को लेना पड़ सकता है पाकिस्तान से तेलः ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि पाकिस्तान के तेल के ‘विशाल भंडार’ पर काम करने के लिए अमेरिका और पाकिस्तान के बीच समझौता तय हो गया है। अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर जारी एक संदेश में अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना था कि वॉशिंगटन का इस्लामाबाद के साथ एक समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों देश पाकिस्तान के तेल के बड़े भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उनका कहना था कि फ़िलहाल हम तेल कंपनी चुनने की प्रक्रिया में हैं, जो इस साझेदारी को लीड करेगी। उन्होंने कहा, “कौन जानता है, शायद वह किसी दिन भारत को तेल बेच रहे होंगे! यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब पाकिस्तान में तेल और गैस के स्थानीय उत्पादन में पिछले कुछ सालों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसकी वजह से स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से इनकी ख़रीदारी बढ़ी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रूस से इन कंपनियों ने रोकी खरीद
सूत्रों के अनुसार, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्प (BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प (HPCL) और मैंगलोर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल लिमिटेड (MRPL) ने पिछले एक हफ्ते से रूस से तेल खरीदने के लिए कोई नई डील नहीं की है।
सरकार और कंपनियों ने चुप्पी साधी, तलाशे जा रहे विकल्प
रॉयटर्स का दावा है कि इन चारों सरकारी रिफाइनरियों और केंद्रीय तेल मंत्रालय से जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, इन सरकारी कंपनियों ने अब विकल्प के तौर पर मिडिल ईस्ट (मध्य-पूर्व) और पश्चिमी अफ्रीका के तेल ग्रेड को चुना है। इनमें अबू धाबी का मर्बन क्रूड और पश्चिमी अफ्रीका का कच्चा तेल प्रमुख है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

निजी कंपनियां अब भी खरीद रहीं रूसी तेल
रिलायंस इंडस्ट्रीज और नायरा एनर्जी जैसी निजी कंपनियां भारत में अब भी सबसे ज्यादा रूसी तेल खरीद रही हैं। हालांकि, भारत की कुल 5.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की रिफाइनिंग क्षमता में 60% से ज्यादा हिस्सा सरकारी रिफाइनरियों के पास है। 2025 की पहली छमाही में भारत ने औसतन प्रतिदिन 1.8 मिलियन बैरल रूसी तेल आयात किया है। इसमें से लगभग 60% तेल निजी रिफाइनरियों ने खरीदा, जबकि बाकी 40% देश की रिफाइनरियों ने आयात किया है। भारत की कुल 5.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की रिफाइनिंग क्षमता में 60% से अधिक नियंत्रण सरकारी कंपनियों के पास है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत का वैश्विक स्थान
भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और समुद्र मार्ग से आने वाले रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार भी है। ऐसे में सरकारी कंपनियों की यह रोक अंतरराष्ट्रीय तेल व्यापार पर असर डाल सकती है।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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