Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 12, 2025

यदि मोटापे से हो परेशान तो एम्स ऋषिकेश में होगा समाधान, क्लिनिक का औपचारिक शुभारंभ

एम्स ऋषिकेश में संचालित बहुविषयक मेटाबोलिक स्वास्थ्य और मोटापा क्लिनिक का औपचारिक शुभारंभ किया गया। क्लिनिक मोटापे और चयापचय संबंधी विकारों से ग्रसित मरीजों के व्यापक मूल्यांकन, रोकथाम और उपचार में मददगार साबित हो रही है। गत वर्ष से संचालित इस क्लिनिक में एक ही छत के नीचे साक्ष्य आधारित उपचार प्रदान करने के लिए विभिन्न विशेषज्ञों की ओर से सेवाएं दी जा रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, संकायाध्यक्ष (अकादमिक) प्रो. जया चतुर्वेदी व एम्स अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्य श्री ने संयुक्तरूप से क्लिनिक का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर बताया गया है कि क्लिनिक के माध्यम से एक ही छत के नीचे मोटापे से ग्रसित मरीजों को विभिन्न विभागों से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस अवसर पर नेत्ररोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार मित्तल सहित कई फैकल्टी सदस्य मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रो. मीनू सिंह ने विभिन्न विभागों से जुड़ी इस चिकित्सा को मरीजों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए चिकित्सकीय टीम की सराहना की। उन्होंने इस बीमारी को वर्तमान समय की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बताते हुए ऐसे मरीजों के लिए क्लिनिक की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने इस पहल की प्रशंसा की व बताया कि विभिन्न विभागों की सहमति से संचालित की जा रही क्लिनिक रोगियों के लिए लाभप्रद साबित हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हर शनिवार को संचालित होती है क्लिनिक
मोटापे से ग्रसित मरीजों को एक छत के नीचे इलाज के लिए संचालित यह व्यवस्था मल्टीडिसिप्लिनरी मेटाबोलिक हेल्थ एंड ओबेसिटी क्लिनिक एंडोक्रिनोलॉजी, मेडिकल और सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेडिसिन, साइकियाट्री और पल्मोनरी मेडिसिन विभागों का एक संयुक्त प्रयास है। यह क्लिनिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ओपीडी क्षेत्र में लेवल 3, ब्लॉक- सी में प्रत्येक शनिवार सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक संचालित होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मोटापे से ग्रसित 345 मरीज हो चुके हैं लाभान्वित
चिकित्सकों के मुताबिक गतवर्ष विभिन्न विभागों से जुड़ी इस क्लिनिक में 345 रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है। इसके अलावा क्लिनिक कई व्यक्तियों को वजन कम करने में मददगार साबित हुई है। साथ ही मधुमेह, उच्च रक्तचाप, फैटी लीवर रोग और स्लीप एपनिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से लंबे अरसे से ग्रसित मरीजों की समस्याओं का समाधान करके उनके जीवन को भी बदल दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बताया गया कि इनमें आधे से अधिक यानि (51.88%) मरीज उत्तराखंड से रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे दूरदराज के राज्यों से भी मरीज इस क्लिनिक में विशेष देखभाल व समस्या के समाधान की तलाश में आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रमुख प्रो. रोहित गुप्ता ने बताया कि क्लिनिक में आहार-आधारित उपचारों का पालन करने वाले मरीजों ने कुछ महीनों में औसतन 4.7 किलोग्राम वजन कम किया। जबकि दवाओं से रोगियों को 5.4 किलोग्राम तक वजन कम करने में मदद मिली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सर्जिकल गैस्ट्रो विभाग के चिकित्सक डॉ. लोकेश अरोड़ा के मुताबिक क्लिनिक के माध्यम से एक व्यक्ति की सफलतापूर्वक बेरियाट्रिक सर्जरी की गई, जिसमें रोगी ने 5 महीनों में 24 किलोग्राम वजन कम किया है। जिससे उक्त व्यक्ति को मोटापे के कारण रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली तमाम तरह की दिक्कतों से निजात मिली है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मोटापे के कारण व निवारण पर विशेषज्ञों का तर्क
नींद की सेहत पर मोटापे के प्रभावों के बारे में मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर रवि गुप्ता ने बताया कि मोटापा स्लीप एपनिया, अनिद्रा और बाधित नींद चक्रों से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है, जिसे अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो यह मानसिक स्वास्थ्य विकारों, थकान और कम उत्पादकता का कारण बन सकता है। लिहाजा मोटापे और चयापचय संबंधी विकारों के लिए सिर्फ वजन प्रबंधन से परे एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर रविकांत ने इस बात पर जोर दिया कि मोटापे के इलाज में सिर्फ वजन कम करना ही शामिल नहीं है, बल्कि एक एकीकृत दृष्टिकोण भी शामिल है। जिसमें, चिकित्सा उपचार, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, जीवनशैली में बदलाव और सर्जिकल हस्तक्षेप शामिल हैं, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुधार सुनिश्चित होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एंडोक्राइनोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कल्याणी श्रीधरन ने मोटापे और मधुमेह के बीच मजबूत संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि चयापचय नियंत्रण हृदय संबंधी जोखिमों को कम करने और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पल्मोनरी मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लोकेश सैनी के अनुसार अधिक वजन ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) में योगदान देता है, जिससे नींद में खलल, क्रोनिक थकान और हृदय संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वजन कम करना और जीवनशैली में सुधार सांस लेने की समस्याओं को कम करने और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने की कुंजी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. लोकेश अरोड़ा ने मोटापे के प्रबंधन में बेरियाट्रिक सर्जरी की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। रोबोट की सहायता से बेरियाट्रिक सर्जरी ने मोटापे के उपचार में क्रांति ला दी है, जिससे प्रक्रियाएं अधिक सटीक, न्यूनतम आक्रामक और रोगियों के लिए सुरक्षित हो गई हैं। बेरियाट्रिक सर्जरी न केवल वजन घटाने में मदद करती है बल्कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप और फैटी लीवर रोग जैसी स्थितियों में भी काफी सुधार करती है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page