यदि कांवड़िया प्रदेश की सीमा पर प्रवेश करे तो उसे सम्मानपूर्वक भेजा जाए वापस, प्रतिबंधित रहेगी कांवड़ की बिक्रीः डीजीपी

बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड शासन के निर्णयानुसार कांवड़ मेले को प्रतिबंधित किया गया है। उसके अनुपालन हेतु एसओपी सम्बन्धित जिलाधिकारियों से मिलकर तैयार कर ली जाए। यदि कोई कांवडिया सडक पर दिखाई दे तो उसे सम्मानपूर्वक आफ रोड कर बस अथवा अन्य माध्यम से वापस करवाया जाय। इसके बावजूद अगर कोई कांवडिया हरिद्वार में प्रवेश करता है तो उसे 14 दिन के लिए क्वारनटाइन किया जाए। इसके लिए जिलाधिकारी हरिद्वार निर्देश निकलवाकर, क्वारनटाइन के लिए चिह्नित कर लिए जाएं।
बैठक के अन्य बिंदु
-जनपदों द्वारा विशेष रूप से हरिद्वार, देहरादून, टिहरी एंव पौडी गढवाल कांवड इन्फोर्समेन्ट टीम का गठन किया जाए। जो प्रतिबन्धित कांवड मेले के दौरान पैटोलिंग करते हुए कानून व्यवस्था को बनाए रखेगी।
-ट्रेनों से आने वाले कावडियां को रोकने के लिए ट्रेनों को जनपद हरिद्वार से पहले पड़ने वाले रेलवे स्टेशनो पर रोककर उतारा जाएगा और उन्हें वहीं से शटल बसों के माध्यम से वापस किया जाएगा। फिर भी अगर कोई कांवड़िया हरिद्वार में प्रवेश करता है तो उसपर कोविड महामारी एसओपी के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
-जनपद हरिद्वार में बॉर्डर थानों के साथ कांवड़ मेले के प्रतिबन्ध संबंधित पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जाए। इसमे अन्य राज्यों के बार्डर से लगे जनपदों के परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को आमंत्रित किया जाय। बैठक में संयुक्त रूप से टैकरों के माध्यम से गंगाजल भेजे जाने पर विचार कर लिया जाय।
-कांवड़ मेले को प्रतिबन्धित करने के सम्बन्ध में कांवड संघ एवं समीतियों से वार्ता कर उन्हे अवगत करा दिया जाए।
-कांवड़ मेले को प्रतिबंधित करने के संबंध में कांवड़ संघ एवं समीतियों से वार्ता को थाने की जीडी में भी अंकित किया जाए। ताकि अगर कोई कोविड महामारी एक्ट को उल्लंघन करता है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही करने में आसानी हो। एंव जिला प्रशासन से आवश्यक रूप से मजिस्टेट नियुक्त करा लिया जाय।
-इसके अतिरिक्त यह ध्यान रखा जाए कि यदि कोई व्यक्ति अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार आता है तो उसे ना रोका जाए।
-समस्त जनपदों में दुकानदारों को बता दिया जाए कि कांवड से सम्बन्धित सामग्री बेचा जाना भी प्रतिबंधित रहेगी।
मिशन मर्यादा चलाने की घोषणा
बैठक में कहा गया कि विगत में प्रकाश में आया कि कुछ लोगो द्वारा मां गंगा के किनारे अश्लील वीडियो बनाकर वायरल किये गये। अतः राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप तीर्थ-स्थलों की मर्यादा एंव पर्यटन स्थलों की स्वच्छता बनाये रखने के लिए अभियान चलाया जाएगा। पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार ने इसे मिशन मर्यादा के नाम से चलाने की घोषणा की गयी।
मिशन मर्यादा के अन्तर्गत पुलिस की ओर से तीर्थ-स्थलों की जनता एंव पुलिस को मर्यादा बनाये रखने के लिए तीर्थ स्थलों पर मादक पदार्थों का सेवन, मांसाहार करने अथवा अन्य प्रतिबंधित गतिविधियों एंव किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार करने वालों के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। इसके अतिरिक्त पर्यटन स्थलों पर गंदगी फैलाने वालों, मादक पदार्थो की अवैध बिक्री अथवा दुर्व्यवहार करने वालों के विरूद्व भी पूर्व से स्थापित कानूनों के अनुरूप कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी। आगामी 15 दिवसों तक इस कार्यवाही को प्रमुखता से करते हुए आंकलन किया जायेगा। अतः इस मिशन को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए प्रत्येक प्रभारी अपने कुशल एंव व्यवहारशील कर्मियों को तैनात कर व्यक्तिगत रूप से इसका आंकलन करेंगे।
ईद उल जुहा के मद्देनजर भी चर्चा
बैठक में आगामी ईद-उल-जुहा के त्योहार के मद्देनजर भी चर्चा की गई। इस संबंधि में जनपदों के उलेमाओं एवं मौलवियों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही पूर्व से ही सुनिश्चित करने एवं कुर्बानियों का समय एंव स्थानों का चयन उच्च न्यायालय के आदेशानुसार करनें के लिए निर्देशित किया गया। ईद-उल-जुहा के संबंध में थानास्तर पर पीस कमेटियों की बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
ये रहे उपस्थित
बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, अपराध कानून एवं व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा संजय गुंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढवाल परिक्षेत्र नीरू गर्ग, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणे एवं अन्य अधिकारियों की ओर से आनलाइन प्रतिभाग किया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।