एसआरएचयू में प्लास्टिक के खात्मे की दिशा में ऐतिहासिक कदम, प्लास्टिक बैंक समाज को समर्पित
देहरादून के डोईवाला में स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक और सराहनीय कदम बढ़ाया है। विश्वविद्यालय में प्लास्टिक बैंक का शुभारंभ किया गया।

एसआरएचयू सभागार में कुलपति डॉ. विजय धस्माना व एसडीसी के संस्थापक अनूप नौटियाल ने प्लास्टिक बैंक का संयुक्त रुप से उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा पर्यावरण संरक्षण हम सबकी एक सामाजिक जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालय सौर ऊर्जा व जल संरक्षण के क्षेत्र में मिसाल कायम कर चुका है। अब प्लास्टिक बैंक के रुप में प्लास्टिक वेस्ट का सही निस्तारण हो पाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक के लिए विश्वविद्लाय में पहले से ही अभियान चलाया जा रहा है। निश्चित समय अंतराल पर इस संबंध में छात्र-छात्राओं सहित स्टाफकर्मियों को जागरूक भी किया जाता है।
एसडीसी के संस्थापक अनूप नौटियाल ने प्लास्टिक बैंक की अवधारणा व कार्यप्रणाली की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने सिंगल यूज पॉलीथिन उपयोग न करने की अपील की। उन्होंने बताया कि कूड़ा निस्तारण में पृथक्करण अहम कड़ी है। यदि घर से ही गीले व सूखे कूड़े को अलग कर दिया जाए तो इसका निस्तारण आसान हो जाता है। प्लास्टिक बैंक के संचालन से समाज में पर्यावरण संरक्षण व प्लास्टिक उन्मूलन को लेकर जागरुकता बढ़ेगी।
भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) के वैज्ञानिक डॉ.इंद्रजीत घोष ने बताया कि आइआइपी प्लास्टिक से डीजल बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इससे देश के विकास को भी नई दिशा मिलेगी। शिवम ढौंडियाल के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. सुशीला शर्मा, हेड इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल गिरीश उनियाल आदि मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।