हेट स्पीच को लेकर हिंदू सेना पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कहा-मुस्लिम नेताओं की भी हो गिरफ्तारी
हरिद्वार में हुई धर्म संसद के मामले में अब हिंदू सेना भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और उसने धर्म संसद में हेट स्पीच के लिए कार्यवाही का विरोध किया है। साथ ही कहा कि अगर धर्म संसद मामले में कार्यवाही की जाती है तो मुस्लिम नेताओं को भी हेट स्पीच के लिए गिरफ्तार किया जाए।
अर्जी में कहा गया है कि याचिकाकर्ता पत्रकार कुर्बान अली मुस्लिम समुदाय से संबंधित हैं। उनको हिंदू धर्म संसद से संबंधित मामलों या गतिविधियों के खिलाफ आपत्ति नहीं उठानी चाहिए। हिंदुओं के आध्यात्मिक नेताओं को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। अर्जी में यह भी कहा गया है कि हिंदू आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा धर्म संसद के आयोजन को किसी अन्य धर्म या आस्था के विरुद्ध नहीं माना जा सकता और न ही इसका विरोध किया जाना चाहिए। धार्मिक नेताओं के बयान गैर-हिंदू समुदाय के सदस्यों द्वारा किए गए हिंदू संस्कृति और सभ्यता पर हमलों के जवाब थे। कहा कि इस तरह के जवाब “हेट स्पीच” के दायरे में नहीं आएंगे।
अर्जी में कहा गया है कि जब तक जांच अधिकारी की ओर से विस्तृत जांच नहीं की जाती है, तब तक याचिकाकर्ता की ओर से कथित तौर पर हेट स्पीच का पता नहीं लगाया जा सकता है। हर बयान को हेट स्पीच नहीं माना जा सकता। भारत का संविधान सभी धर्मों के अनुयायियों को समान सुरक्षा प्रदान करता है। अर्जी में कहा गया है कि इस देश के प्रत्येक नागरिक को विवेक, अभ्यास और धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता है। हिदुओं की ओर से धर्म संसद धारण करना भारत के संविधान के द्वारा संरक्षित है। इसलिए मामले में याचिकाकर्ता की आपत्तियां संवैधानिक योजना के खिलाफ और हिंदुओं के मौलिक अधिकारों पर अतिक्रमण है।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते उत्तराखंड पुलिस ने यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व में वज़ीम रिज़वी) को धर्म संसद में हेट स्पीच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। दरअसल पत्रकार कुर्बान अली और पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश द्वारा दायर रिट याचिका में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने 12 जनवरी को केंद्र, दिल्ली पुलिस और उतराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
धर्म संसद में विवादित भाषण देने का आरोप
बता दें कि धर्म संसद का आयोजन स्वामी नरसिंहानंग ने कराया था। इस सम्मेलन में वक्ता के रूप में हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंग गिरि और स्वामी आनंदास्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा शामिल हुए थे। वहीं बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय पर भी कई आरोप लगे हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह सिर्फ 30 मिनट ही कार्यक्रम में रुके थे। मुस्लिमों के खिलाफ विवादित भाषण पर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मुनव्वर फारूकी को उन जोक्स के लिए दंडित किया गया, जो उन्होंने नहीं सुनाए थे, लेकिन विवादित बोल बोलने वाले धर्म संसद के उन सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
धर्म की रक्षा के लिए उठाएंगे शस्त्र
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साधु-संत कहते दिख रहे हैं कि धर्म की रक्षा के लिए वह शस्त्र उठाएंगे। अब मुस्लिम पीएम नहीं बनने देंगे। साथ ही वह मुस्लिम आबादी भी नहीं बढ़ने देंगे। धर्म की रक्षा के नाम पर साधुओं का यह विवादित भाषण तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं साध्वी अन्नपूर्णा भी कॉपी-किताब रखकर हाथ में शस्त्र उठाने की बात कहती दिख रही हैं।
कोर्ट की अवमानना पर भी चलेगा मुकदमा
उत्तर प्रदेश स्थित गाजियाबाद में डासना मंदिर के मुख्य पुजारी नरसिंहानंद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट की अवमानना का भी मामला चलेगा। यति नरसिंहानंद फिलहाल गिरफ्तार हैं। उनके खिलाफ IPC की धारा 341, 504, 506 और 352 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हरिद्वार में बीते साल 17 से 19 दिसंबर के बीच हुई धर्म संसद में कथित तौर पर भड़काउ भाषण देने के आरोपी नरसिंहानंद फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। धर्म संसद मामले में हरिद्वार में नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी सहित 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ दो FIR दर्ज की गई है और मामले की जांच जारी है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।