Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 28, 2025

हिमालयन अस्पताल में अब तक सफलतापूर्वक 10000 से अधिक ब्रोंकोस्कॉपी संपन्न

देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में स्थित हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अब तक 10000 से अधिक ब्रोंकोस्कॉपी सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं। यह जानकारी छाती एवं श्वसन रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी खंडूरी ने दी। उन्होंने बताया कि केवल पिछले एक माह में ही 100 से ज्यादा ब्रोंकोस्कॉपी की गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

छाती एवं श्वसन रोग विभाग की विभागाध्यक्ष विभागाध्यक्ष डॉ. राखी खंडूरी ने कहा कि हिमालयन हॉस्पिटल की अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी टीम की बदौलत बड़ी संख्या में मरीजों को सफल उपचार मिला है। इसमें विभाग के अन्य चिकित्सकों डॉ. सुशांत खूंडूरी, डॉ. वरुणा जेठानी, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. राहुल गुप्ता सहित नर्सिंग स्टाफ आदि का विशेष योगदान रहा। डॉ. राखी खंडूड़ी ने बताया कि ब्रोंकोस्कॉपी से हमें फेफड़ों की बीमारियों की गहराई से जांच करने में मदद मिलती है, जिससे मरीजों के जीवन की रक्षा संभव हो पाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने इस उपलब्धि पर कहा कि हिमालयन हॉस्पिटल लगातार उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। 10000 से अधिक ब्रोंकोस्कॉपी का आँकड़ा इस बात का प्रमाण है कि यहाँ मरीजों को विश्वस्तरीय सुविधा और विशेषज्ञों की देखरेख मिल रही है। हमारा लक्ष्य ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों तक भी उन्नत स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

जानिए ब्रोंकोस्कॉपी के बारे में
ब्रोंकोस्कॉपी एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें नाक या मुंह के जरिए ब्रोंकोस्कोप (एक पतली नली जिसमें हल्का और अति सूक्ष्म कैमरा लगा होता है) फेफड़ों तक पहुँचाया जाता है। इस तकनीक की मदद से फेफड़ों की अंदरूनी संरचना को देखा जाता है और समस्या की पहचान की जाती है। यह प्रक्रिया ट्यूमर, संक्रमण, अवरोध (ब्लॉकेज) या अन्य जटिलताओं का पता लगाने में अत्यंत उपयोगी है। समय पर ब्रोंकोस्कॉपी होने से न केवल बीमारी की सही पहचान संभव हो पाती है, बल्कि उपचार भी प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *