परफॉर्मेंस, ग्रेडिंग, इंडेक्स के अनुसार डिजिटल लर्निंग में पिछड़े हैं हिमाचल के स्कूल: आप
आम आदमी पार्टी ने देश में डिजिटल इंडिया का नारा देने वाले भाजपा सरकार के समय हिमाचल प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षा की पोल खोली है।
न टीचर है और न ही खेल के मैदान, हजारों शिक्षकों के पद खाली
आप प्रवक्ता ने प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को एक्सपोज करते हुए आंकड़ों के साथ बताया कि हिमाचल के स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हैं। स्कूलों में बच्चों को खेलने के लिए खेल के मैदान ही नहीं हैं। पार्टी प्रवक्ता गौरव शर्मा ने आंकड़े देते हुए बताया कि प्रदेश में 20 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। 31प्रतिशत स्कूलों में चारदीवारी नहीं हैं तो 24 प्रतिशत स्कूलों में प्लेग्राउंड नहीं हैं। परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स के अनुसार हिमाचल के स्कूल डिजिटल लर्निंग में काफी पिछड़े हैं। शिक्षा की इस बदहाल हालत में प्रदेश के आठ लाख से अधिक बच्चों को कैसे बेहतर शिक्षा मिल सकती है। यह सोचने की बात है।
पहली कक्षा से ही मिले कंप्यूटर शिक्षा, हिमाचल में 9वीं से कंप्यूटर शिक्षा
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल में नौंवी कक्षा से बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है। 9th कक्षा में कंप्यूटर सीखेगा तो कैसे आगे बढ़ेगा। बच्चे को पहली कक्षा से कंप्यूटर की शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि बच्चा दसवीं कक्षा तक बच्चा टेक्नोलॉजी से अपडेटेड हो। कंप्यूटर की शिक्षा बच्चों को पहली कक्षा से दिया जाना चाहिए ताकि बच्चा टेक्नोलॉजी से अपडेटेड हो। आज के समय में सभी कार्य कंप्यूटर के माध्यम से ही किए जाते हैं, अगर कक्षा नौंवी से बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जाएगी तो बच्चा पीछे रह जाएगा। आप प्रवक्ता ने बताया,एक टीवी न्यूज़ चैनल की पड़ताल में अभिभावक और बच्चे खुद बोल रहे हैं हिमाचल के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर की शिक्षा नहीं दी जाती बच्चों को कंप्यूटर नहीं सिखाया जाता। सरकारी स्कूलों में जो बच्चे पास हुए हैं या जो बच्चे आज कुछ अच्छा कर रहे हैं, तो बच्चों की खुद की मेहनत है सरकार का उसमे एक फीसदी भी योगदान नहीं है।
हिमाचल में लागू होगा शिक्षा का दिल्ली मॉडल
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता गौरव शर्मा ने कहा कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर दिल्ली के स्कूलों को देखें। दिल्ली के स्कूलों में बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा कक्षा वन से दी जाती है। दिल्ली स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा है दिल्ली के स्कूलों के बच्चे टेक्नोलॉजी से अपडेटेड है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शिक्षा के लिए बजट का 25 फीसदी बजट किया है। जिससे दिल्ली की पूरी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बना दिया है। एक हजार से अधिक स्कूलों के नए भवन बनाए हैं जहां कंप्यूटर शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को खेलने के भी उचित प्रबंध किए हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता गौरव शर्मा ने शिक्षा विभाग की 2020-21 की रिपोर्ट को बताते हुए कहा कि प्रदेश में 15323 स्कूल हैं जिनमें से मात्र 3172 में कंप्यूटर हैं और इंटरनेट की सुविधा 2131 स्कूलों में ही हैं। सरकारी रिपोर्ट ही साबित करते है कि प्रदेश सरकार 80 फीसदी से अधिक बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने में नाकाम है।
शिक्षा विभाग की 2020-21 के आंकड़े
प्रदेश के कुल स्कूल 15323
कंप्यूटर 3172
इंटरनेट 2131
प्राइमरी स्कूल
कुल स्कूल 10574
कंप्यूटर 424
इंटरनेट 68
मिडिल स्कूल
कुल स्कूल 1948
कंप्यूटर 379
इंटरनेट 33
सेकेंडरी स्कूल
कुल स्कूल 933
कंप्यूटर 645
इंटरनेट 453
हायर सेकेंडी स्कूल
कुल स्कूल 1868
कंप्यूटर 1724
इंटरनेट 1577
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।