बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की मुहिम पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, बच्चों को कठोर कानून के तहत आरोपी बनाने पर आपत्ति
असम में बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर की जा रही सरकारी कार्रवाई पर गुवाहाटी हाई कोर्ट ने कई चुभने वाले सवाल उठाएं हैं। हाई कोर्ट ने बाल विवाह को रोकने के लिए बच्चों को कठोर कानून के तहत आरोपी बनाने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। पूरे असम में बाल विवाह से कथित रूप से जुड़े हुए 3,000 से ज्यादा लोगों को अब तक में हिरासत में लिया गया है। उनको अस्थाई जेलों में रखा गया है। इस कदम का महिलाओं ने भी जमकर विरोध किया है और अपने परिवारों के एकमात्र कमाने वाले लोगों को गिरफ्तार किए जाने की निंदा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पॉक्सो कानून के तहत आरोपित नौ लोगों को गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कहा कि ये ऐसे मामले नहीं हैं, जिनमें हिरासत में पूछताछ की जरूरत हो। लीगल न्यूज वेबसाइट ‘लाइव लॉ’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस सुमन श्याम ने कहा कि आप कुछ भी जोड़ सकते हैं? यहां POCSO आरोप क्या है? क्या यहां रेप का कोई आरोप है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने एक और मामले की सुनवाई करते हुए लगाए गए आरोपों को ‘अजीब’ बताया। हाई कोर्ट ने बाल विवाह को रोकने से जुड़े एक दूसरे मामले में कहा कि ये हिरासत में पूछताछ के मामले नहीं हैं। आप (राज्य) कानून के अनुसार आगे बढ़ें, चार्जशीट दाखिल करें। अगर वे दोषी हैं, तो उन्हें दोषी ठहराया जाता है। यह कदम लोगों के निजी जीवन में तबाही मचा रहा है। इससे बच्चे, परिवार के लोग और बूढ़े लोग परेशान हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस की कार्रवाई पर इसलिए भी सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि वर्षों पुराने मामलों को खत्म कर दिया है। वहीं, विशेषज्ञों ने बाल विवाह के मामलों में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण या पॉक्सो अधिनियम को लागू करने की वैधता पर भी संदेह जताया है। पॉक्सो कानून के तहत आरोपित नौ लोगों को गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए, जिनमें से एक मामले में न्यूनतम 20 साल की सजा हो सकती है, गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कहा कि ये ऐसे मामले नहीं हैं, जिनमें हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा था कि अगले विधानसभा चुनाव तक सामाजिक कुरीति बाल विवाह के खिलाफ मुहिम जारी रहेगी। इस पर विपक्षी खेमे ने विरोध जताया और इस मुहिम को “जल्दबाजी में चलाया गया प्रचार का हथकंडा” बताया। अधिकारियों ने कहा कि ये गिरफ्तारियां समूचे राज्य में दर्ज 4,074 प्राथमिकियों के आधार पर की गई हैं। पुलिस ने एक बयान में कहा कि कम से कम 139 लोगों को विश्वनाथ जिले में पकड़ा गया। इसके बाद बारपेटा में 130 और धुबरी में 126 लोगों को पकड़ा गया।