हाईकोर्ट के जज की विवादित टिप्पणी, एक इलाके को बता दिया मिनी पाकिस्तान, सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, मांगा जवाब
इस खबर को पढ़कर हो सकता है वो एक वर्ग बेहद खुश हो जाए, जो जाति और धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का प्रयास करता रहता है। ऐसे प्रयासों में यदि हमारी कानून व्यवस्था की भी भागीदारी हो जाए तो फिर बेडागर्क होना तय है। ऐसा ही मामला कर्नाटक हाईकोर्ट का सामने आया है। हाईकोर्ट के जब की विवादित टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने अब स्वत: संज्ञान लिया है। कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने एक मामले की सुनवाई के दौरान बेंगलुरु के मुस्लिम इलाके को मिनी पाकिस्तान कह डाला था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से जवाब मांगा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस राजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट मांगी है। बेंच ने कहा कि हमारा ध्यान न्यायिक सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वी श्रीशानंद की ओर से की गई कुछ टिप्पणियों की ओर आकर्षित हुआ है। हमने एजी और एसजी से सलाह मांगी है। हमने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो वीडियो हुए वायरल
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक हाईकोर्ट के जज जस्टिस श्रीशानंद के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इनमें वे विवादास्पद टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं। इसमें वे एक में बेंगलुरु के मुस्लिम बाहुल्य इलाके को मिनी पाकिस्तान कहते नजर आ रहे हैं। वहीं, दूसरे वीडियो में वे महिला वकील पर असंवेदनशील टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने भी इस वीडियो को शेयर किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीजेआई ने दी ये सलाह
सीजेआई (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने जज की टिप्पणी पर संज्ञान लेते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा कि हम कुछ बुनियादी दिशानिर्देश तय कर सकते हैं। इस दौरान सीजेआई ने कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में हम पर कड़ी नजर रखी जाती है और हमें उसके अनुसार कार्य करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोग दे रहे हैं तीखी प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर ये दोनों वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोग जज की बातों पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इसमें सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह भी शामिल हैं। उन्होंने दोनों वीडियो को ट्वीट करके अपनी आपत्ति दर्ज की है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम भारत के मुख्य न्यायाधीश से इस जज के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने और उन्हें लिंग संवेदीकरण प्रशिक्षण के लिए भेजने का आह्वान करते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।