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July 10, 2025

यहां एक बार फिर खोल दिया गया है नरक का दरवाजा, जहां से कोई नहीं लौट सकता जिंदा वापस

जी हां। ये बात सच है कि एक झील में नरक का दरवाजा बनाया गया है। जो कभी कभार ही खोला जाता है। यदि ये दरवाजा खुल जाए तो इससे जिंदा बचकर निकलना मुश्किल हो जाता है।

जी हां। ये बात सच है कि एक झील में नरक का दरवाजा बनाया गया है। जो कभी कभार ही खोला जाता है। यदि ये दरवाजा खुल जाए तो इससे जिंदा बचकर निकलना मुश्किल हो जाता है। ये दरवाजा भी इंसान ने बनाया है। इसे एक बार फिर से खोल दिया गया है। अमेरिका के कैलीफोर्निया में एक झील है बैरीसा। ये झील भी प्राकृतिक नहीं है। इसे इंसान ने ही बनाया है। साथ ही इसमें एक नरक का दरवाजा भी बनाया गया है। कुछ लोग इसे ग्लोरी होल भी कहते हैं। यह कभी-कभार खुलता है। इस साल 13 अप्रैल के आस-पास इसे फिर खोला गया है। इसके खुलते ही झील का पानी चकरी की तरह घूमते हुए गड्‌ढे में इस तरह समाता है। इसे देखने से आंखे भी चकरा जाती हैं।
खबरों के मुताबिक, बैरीसा झील कैलीफोर्निया के पहाड़ी इलाके नापा काउंटी में है। यह वहां की 7वीं सबसे बड़ी मानवनिर्मित झील है। यहां करीब 304 फीट ऊंचा कंक्रीट का बांध बना है। इसी बांध से यह झील भी अस्तित्त्व में आई। साल 1953 से 57 के बीच यह बांध और झील बनाया गया। तभी झील में अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए इंजीनियरों ने यह ‘ग्लोरी होल’ भी बनाया। इसकी चौड़ी करीब 72 फीट है। इसे उस वक्त खोला जाता है, जब झील का पानी खतरे के निशान से ऊपर चला जाता है। तब अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए इसे खोला जाता है। इस बार फिर झील का जल-स्तर 4.7 मीटर से ऊपर गया तो इसे खोल दिया गया है।

खबरों के मुताबिक, जब भी यह ‘ग्लोरी होल’ खुलता है तो हर सेकेंड झील का करीब 1,360 घन मीटर पानी निगल जाता है। उसे कहीं दूसरी जगह पहुंचा देता है। जाहिर तौर पर यह नजारा देखने हजारों लोग वहां पहुंचते हैं। बताते हैं कि 1997 में भंवर में फंसने के बाद एक महिला के मारे जाने के बाद सुरक्षा उपाय किए गए थे। हालांकि, आज प्रतिबंधों के कारण “ग्लोरी होल” के करीब पहुंचना मुश्किल है। उस घटना के बाद से सुनिश्चित कर दिया गया कि लोग इसे दूर से देखें। नजदीक जाने की यहां मनाही है। इस स्थान पर तैराकी या नौकायन की तो बिल्कुल न सोचें। एनडीटीवी के मुताबिक, आखिरी बार ‘ग्लोरी होल’को 2019 में खोला गया था। तब भारी बारिश की वजह से झील का जल-स्तर काफी बढ़ गया था। वैसे, यह झील 52 अरब गैलन पानी अपने आप में रोक लेती है। लिहाजा, जैसे ही यह स्तर आता है, ‘नरक का दरवाजा’ (Portal to Hell) बंद कर दिया जाता है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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