उत्तराखंड में दो दिन सताएगी गर्मी, 21 मई से राज्यभर में बारिश, दो दिन का ओरेंज अलर्ट, गर्मी से मिलेगी राहत
उत्तराखंड में इन दिनों पर्वतीय क्षेत्र में हर दिन बारिश हो रही। वहीं, मैदानी क्षेत्र में कभी कभार कुछ ही देर की बारिश से फिलहाल तपती गर्मी से लोगों को राहत मिली हुई है।
तापमान में उतार चढ़ाव
पिछले दिनों तक उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तापमान में गिरावट आई और अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के करीब था। आज और कल तापमान में बढ़ोत्तरी की संभावना है। आज अधिकतम और न्यूनतम तापमान 37 डिग्री और 24 डिग्री तक, कल 20 मई को अधिकतम और न्यूनताम तापमान 37 डिग्री और 26 डिग्री तक रहने की संभावना है। इसके बाद तापमान में गिरावट संभव है। 21 मई को 34 डिग्री अधिकतम और 23 डिग्री न्यूनतम तापमान की संभावना है। 22 मई को ये घटकर 32 डिग्री और 23 डिग्री के करीब पहुंच सकता है।
आज और कल के मौसम का हाल
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिलों में कहीं कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश गर्जन के साथ हो सकती है। राज्य के अन्य इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा। यानि कि मैदानी क्षेत्र में बारिश की संभावना काफी कम है।
इस तरह है बारिश की संभावना
राज्य मौसम विभाग के मुताबिक, 21 मई को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिलों के अनेक स्थानों पर तथा शेष जनपदों के पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों के साथ ही मैदानी क्षेत्र में कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 22 और 23 मई को भी राज्य के जिलों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश गर्जन के साथ हो सकती है।
21 मई को यलो और 22, 23 मई को ओरेंज अलर्ट
उत्तराखंड में 21 मई का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दिन पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं कहीं गर्जन के साथ ओलावृष्टि, बिजली गिरने के साथ ही राज्य के मैदानी क्षेत्र में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। 22 और 23 मई को राज्य में कहीं कहीं गर्जन के साथ बारिश, बिजली चमकने, ओलावृष्टि की संभावना है। साथ ही 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज आंधी चल सकती है। इसकी रफ्तार बढ़कर 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। ऐसे में 22 और 23 मई का ओरेंज अलर्ट जारी करते हुए मौसम विभाग ने सचेत रहने को कहा है। चेतावनी दी गई है कि पहाड़ों में इन दिनों भूस्खलन हो सकता है। पेड़ उखड़ सकते हैं। नदी और नालों में जल प्रवाह बढ़ सकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।