उत्तराखंड में हीट वेवः सीएम ने दिए ये निर्देश, अस्पतालों में अलर्ट, जारी की एडवाइजरी, स्वास्थ्य सचिव ने दी ये सलाह

उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में गर्मी चरम पर है। मई माह के अंतिम दिनों में देहरादून सहित कई शहरों का पारा 43 डिग्री पार हो चुका है। वहीं, अधिकांश जगह करीब 42 डिग्री सेल्सियस के करीब तापमान रह रहा है। रात को भी तापमान में सामान्य से सात डिग्री ज्यादा की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। बढ़ते तापमान को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव को अस्पतालों में समुचित व्यवस्थायें बनाने के साथ ही जरूरी दवाओं का स्टाक रखने के निर्देश दिए। इस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के अस्पतालों में अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने लोगों को भी गर्मी से बचने की सलाह दी है। साथ ही कई उपाय भी सुझाए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमेशा ठंडा रहने वाला उत्तराखंड भी अब गर्मी की चपेट में है। राज्य के मैदानी जिलों में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा गर्मी के बढ़ने से सेहत पर भी इसका असर पड़ता है। मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में सीवियर हीट वेव कंडीशन देखने को मिली है। इसके चलते मैदान से लेकर पहाड़ तक गर्म हवाएं चल सकती हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नई हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी अस्पतालों में अर्लट जारी कर दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दोपहर में बिना जरूरी काम के ना निकलें बाहर
एडवाइजरी में दोपहर 12 से सायं 4 के मध्य धूप में बिना जरूरी काम के बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा गर्मी के कारण बीमारियां की चपेट में आने की ज्यादा संभावनाएं रहती हैं। इसको देखते हुए प्रदेश के सारे सरकारी अस्पततालों में पूर्व में ही अर्लट जारी कर व्यवस्थायें बनाने के निर्देश जारी कर दिये गये थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बच्चों और बुजुर्गों का रखें ख्याल, खूब पिएं तरल पदार्थ
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने तापमान बढ़ने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिससे शरीर डिहाइड्रेटेड हो जाता है। उन्होंने कहा गर्मी के मौसम में बच्चों और बुर्जगों को कम से कम घर से निकलने दें, ताकि बच्चें हीट वेव से बच सकें और वो कम बीमार पड़े। उन्होंने कहा कि गर्मी से बचने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें, ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो पानी की कमी नहीं होने से भी गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हीटवेव (लू) से बचाव के लिए करें ये उपाय
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा घर बाहर निकलने से पहले एक बार तापमान जरूर देख लें और अगर ज्यादा ही जरूरी है, तो अपने साथ धूप से बचाने वाली चीजें लेकर चलें। जैसे चश्मा, छाता, सनस्क्रीन, मुंह पर बांधने वाला कपड़ा, पानी की बोतल और खाने के लिए छोटी-मोटी चीजें। थोड़े-थोड़े समयान्तराल पर तरल पदार्थ शीतल जल, नीबू पानी, शिकंजी, नारियल पानी आदि पीते रहें। घर, कार्यस्थल आदि स्थानों पर सूर्य की सीधी रोशनी को रोकने के लिए पर्दा आदि का प्रबन्ध करें। जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें। बच्चे, बीमार व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। हीट स्ट्रोक/लू के लक्षण दिखने पर नजदीकी राजकीय चिकित्सा इकाई पर सम्पर्क करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हीटवेव में न करें ऐसा
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से बिना काम के घर से बाहर न निकलने की अपील की है। अत्यधिक गर्मी (दोपहर 12 से सायं 4) के मध्य बाहर धूप में बिना जरूरी काम के बिलकुल न जायें। नंगे पैर, नंगे बदन धूप में जाने परहेज करें। अत्यधिक प्रोटीन युक्त भोजन व बासी भोजन का सेवन करने से बचें। धूप में खड़ी गाड़ियों में बच्चों और पालतू जानवरों को अकेला बिलकुल न छोडें। गहरे व चटक रंग के कपड़ों को गर्मियों में पहनने से परहेज करें। इसके साथ ही तंग एवं छोटे कपड़ों का प्रयोग विशेषकर जब बाहर धूप में जाना हो, तब बिल्कुल न करें। बंद एवं अत्यधिक गर्मी वाले स्थान पर भोजन न पकायें। गर्मियों में शराब, चाय, कॉफ़ी, कार्बोहाइड्रेट, साफ्ट ड्रिंक आदि का अधिक सेवन न करें। अधिक गर्मी, धूप में श्रम कार्य करने से बचना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में अर्लट जारी
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा गर्मी के मौसम व हीट वेव के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए सभी जनपदों को सतर्क रहने के निर्देश पहले ही दे दिए गए थे। सभी चिकित्सालयों को पर्याप्त मात्रा में ओआरएस, आई फलूडस आदि की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए कहा गया। सभी स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सा एवं पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हीट वेव से मौत का होगा डेथ ऑडिट
सभी चिकित्सालयों में पीने के पानी की दुरुस्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिए गए थे तथा चिकित्सालय में बिजली की निरंतर आपूर्ति रखने के लिए कहा गया है। हीट स्ट्रोक से कोई मृत्यु दर्ज होती है तो उसकी डेथ ऑडिट किया जायेगा, ताकि मृत्यु के सही कारण का पता लगाया जा सके लोगों को हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए जागरूकता के लिए सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया होर्डिंग बैनर के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।