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March 11, 2025

नफरती बयानः राष्ट्रपति को लिखा था खून से पत्र, जुमे की नमाज को बताया आतंकी दिवस, अब पूजा शकुन पांडेय पर मुकदमा दर्ज, बस हो गई कार्रवाई

नफरत, नफरत, नफरती बयान। कभी धर्म संसद, तो कभी चैनलों में डिबेट। ऐसे बयानों से देश की दुनिया भर में किरकिरी हो रही है। पैगंबर साहेब पर दिए गए नफरती बयान को लेकर जब मुस्लिम देशों ने विरोध जताया तो सरकार की जगह बीजेपी कार्रवाई करती नजर आई और अपने दो नेताओं के खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई कर दी गई।

नफरत, नफरत, नफरती बयान। कभी धर्म संसद, तो कभी चैनलों में डिबेट। ऐसे बयानों से देश की दुनिया भर में किरकिरी हो रही है। पैगंबर साहेब पर दिए गए नफरती बयान को लेकर जब मुस्लिम देशों ने विरोध जताया तो सरकार की जगह बीजेपी कार्रवाई करती नजर आई और अपने दो नेताओं के खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई कर दी गई। सवाल ये उठता है कि जब छोटी सी बात पर कोई टिप्पणी पर किसी व्यक्ति को जेल में ठूंस दिया जाता है। गुजरात के विधायक को ट्विट करने पर असम पुलिस गिरफ्तार कर ले जाती है, तो ऐसे नफरती बयान देने वाले धर्म के ठेकेदारों पर क्यों नहीं कार्रवाई की जाती। चाहे वे किसी भी धर्म से जुड़े हों। अब एक और नफरती बयान को लेकर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की इतिश्री कर दी गई है। ये मामला यूपी के अलीगढ़ जिले का है।
यूपी के अलीगढ़ जिले में जुमे की नमाज बंद कराने को लेकर विवादित बयान देने और इसे आतंकी दिवस बताने वाली अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. पूजा शकुन पांडेय पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी के निर्देश पर गांधीपार्क पुलिस ने उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं मे मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही मजिस्ट्रेट ने उन्हें नोटिस भी तामिल कराया है। अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ उमा भारती उर्फ डॉ पूजा शकुन पांडेय ने कानपुर में हुई घटना के बाद मस्जिदों में जुमे के दिन जुटने वाली भीड़ को रोकने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न विवादित बयान भी दिए थे। इसके बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है।
महासभा की राष्ट्रीय सचिव व निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर डॉ पूजा शकुन पांडेय ने कहा था कि मस्जिदों में नमाज के नाम पर जो भीड़ इकट्‌ठी होती है, उसका उद्देश्य इबादत करना नहीं होता है। उन्होंने कहा कि यहां नमाजियों से ज्यादा अराजक तत्व इकट्‌ठे होते हैं, जो नमाज के बाद तकरीरें करते हैं। इसके बाद बाहर निकलकर वह कत्ले आम, आगजनी, छेड़छाड़, लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। हाल ही में कानपुर में हुई घटना भी इन्हीं तकरीरों का परिणाम है, जो जुम्मे के दिन की जाती है। उन्होंने कहा था कि यहां पर युवाओं को बरगलाया जाता है और फिर उन्हें उकसा कर इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाता है। इसलिए छोटी मस्जिदों में अधिकतम 10 और बड़ी मस्जिदों में सिर्फ 25 लोगों को ही नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए।

आजादी से अब तक की घटनाओं का दिया विवरण
राष्ट्रपति को खून से लिखकर भेजे गए पत्र में उन्होंने आजादी से पहले से लेकर अब तक की विभिन्न घटनाओं का उदाहरण दिया था। डॉ पूजा शकुन ने कहा था कि हर घटना जुमे के दिन नमाज के बाद ही हुई थी। डॉ पूजा ने 1946 से लेकर 2022 तक की 10 घटनाओं का जिक्र अपने पत्र में किया था और बताया था कि हर अप्रिय घटना जुमे के दिन ही घटित होती है। नमाज की आड़ में अराजक तत्व मस्जिद के अंदर एकत्रित होते हैं और फिर अंदर से बाहर निकलने के बाद इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
चौकी इंचार्ज की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
डॉ पूजा शकुन का विवादित बयान जारी होने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इसके साथ ही शहर का माहौल न बिगड़े इसके लिए तुरंत कार्रवाई की है। चौकी इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि विवादित बयान देने पर डॉ पूजा शकुन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्हें नोटिस भी तामिल कराया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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