हरतालिका तीज में टपकेश्वर मंदिर हाल में मची धूम, कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने गोर्खाली में बोल कर बटोरी खूब तालियां
धस्माना ने कहा कि हमारे सनातन धर्म के विभिन्न समुदायों में तीज त्यौहारों की जो लोक परंपरा है। हमको उन्हें संजो के रखना है। हरितालिका तीज एक बहुत भावनात्मक व आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण त्यौहार है। जिसमें लगभग 36 घंटे तक घर की बेटी बहन बहु अपने सुहाग के लिए भूखी प्यासी रहती है। मुख्य अतिथि धस्माना ने कहा कि गढ़वाली व गोर्खाली समाज का रोटी बेटी का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि 2004 में जब एनडी तिवारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे तब गोरख समाज को अन्य पिछड़ा समाज में शामिल करने के लिए जब मैंने सामने गोरखा समाज का पक्ष रखा तो सीएम तिवारी ने कहा कि आज तक किसी ने गोरखा समाज के बारे में इतना विस्तृत पक्ष उनके सामने नहीं रखा। उन्होंने उसी दिन गोर्खाली समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की नैतिक सहमति दे दी। इसके लिए उनको हमेशा याद रखा जाएगा।
धस्माना व उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर प्रियंका धस्माना ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात सरस्वती वंदना से सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्य अतिथि के संबोधन के बाद हरतालिका तीज का रंग जमना शुरू हुआ और स्टेज पर एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गईं। मल्लिका खत्री ने अपनी गोर्खाली गीतों के साथ साथ पंजाबी गीतों पर नृत्य पेश कर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। आकृति, समृद्धि, सिमरन, मल्लिका, रंजना, पलक, मोनिका, सिद्धि, वर्णिका, प्रगति, कशिका, वंदिता, श्रिया, आहना, स्नेहा, प्रीति, रमा थापा और अमिता शर्मा ने स्टेज पर बेहतरीन प्रस्तुतियां दी। धस्माना ने कार्यक्रम में पहुंची सभी बहनों को शाल पहनाकर व कोविड सुरक्षा किट भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम की संयोजिका पिया थापा ने कहा कि पूरे देहरादून की महिलाओं में वैसे तो धस्माना एक मददगार भाई के रूप में लोकप्रिय हैं, लेकिन कैंट क्षेत्र में तो बहनों ने धस्माना जी को अपना एक सगा भाई मान लिया है।
उन्होंने धस्माना को हरतालिका तीज पर बहनों को दर खाना में आमंत्रित करने के लिए गोर्खाली समाज की ओर से विशेष धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में धस्माना की धर्मपत्नी डॉक्टर प्रियंका धस्माना, कौलागड़ की पार्षद श्रीमती समिधा गुरुंग, उषा उनियाल, विजय लक्ष्मी, सुशीला बेलवाल, विपुल नौटियाल, संजय थापा, राजेन्द्र धवन, विजय शाही, अनिल बस्नेत, उदयवीर पंवार आदि उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।