हरीश रावत बोले, सरकार में चल रही सबसे बड़ा फैंकू प्रतियोगिता, दौड़ में मुख्य सचिव भी शामिल
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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हरीश रावत ने एक बार फिर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए अपने निशाने पर उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश को भी लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में सबसे पड़ा फैंकू प्रतियोगिता चल रही है। इस दौड़ में तो अब मुख्य सचिव भी शामिल हो गए हैं।
हरीश रावत सोशल मीडिया के जरिये सरकार के कार्यों पर सवाल उठाते हैं। या फिर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने आवास पर उपवास पर बैठ जाते हैं। इन दिनों पर सरकारी नौकरियों को लेकर सोशल मीडिया में अधिकांश पोस्ट डाल रहे हैं। आज उन्होंने सुबह एक घंटे का मौन उपवास करने के बाद उसके कारणों की पोस्ट डाली। अब उन्होंने सीएम, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही मुख्य सचिव को लेकर कड़े तंज कसते हुए पोस्ट डाली। इसमें कहा गया कि-
-राज्य सरकार में सबसे बड़ा फैंकू कौन प्रतियोगिता चल रही है। पहला जुमला उछला, कैंपा में 40 हजार नौकरियां देने का। कौन समझाये कि कैंपा में नौकरियां नहीं दी जाती हैं और न कोई ऐसी पोस्ट अभी तक एडवर्टाइज हुई हैं। फिर जुमला उछला 7 लाख नौकरियां देने का। ये जुमला विधानसभा में भी उछला। मुख्यमंत्री जी ने भी उछाला और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी ने उछाला। अब बड़ी जोर से उछाला है।
हरीश रावत ने आगे लिखा कि- फिर मुख्यमंत्री जी ने एक और जुमला फैंका गैरसैंण में 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का। वहां के विकास के लिये। अब कौन सबसे बड़ा फैंकू में श्री ओम प्रकाश जी भी सम्मिलित हो गये हैं। मैं एक बात स्पष्ट कर दूं किसी पूर्व मुख्यमंत्री को अपने साथ कार्य कर चुके अधिकारियों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिये। मैं भी बचना चाहता था। ओम प्रकाश जी एक बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। मैं, उनकी श्रम शीलता का प्रशंसक हूँ, मगर उन्होंने कह दिया कि हम गैरसैंण के लिये 50 साल का मास्टर प्लान बना रहे हैं। उस मास्टर प्लान के कंपोनेंट में 50 बैड का हॉस्पिटल, एक वाटिका, कुछ बिजली का काम और कुछ पानी का काम, कुछ सड़कें उन्होंने बतायी है।
हरीश रावत ने आगे लिखा कि- ओम प्रकाश जी, क्या मुझे यह समझाना पडे़गा कि जो कुछ शुरूवाती काम आपने बताये हैं, वो अपने आप में मास्टर प्लान की अवधारणा का मजाक बना रहे हैं। मैं, ओम प्रकाश जी की मजबूरी समझता हूँ, उन्हें एक ऐसी सरकार के लिये बैटिंग करनी पड़ रही है, जहाँ न पिच है, न बॉल है, न विकेट है। सिर्फ मुख्य सचिव पद का बैट हाथ में लिये। उन्हें भी सबसे बड़ा फैंकू कौन, उस प्रतियोगिता में खड़ा होना पड़ा है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
हरीश्रवत ने सही कहा, पर सिर्फ गाल बजाने से कुछ हासिल नहीं होगा।