पूर्व सीएम हरीश रावत ने फिर दोहराया, चेहरा घोषित करके ही दे सकेंगे भाजपा को जवाब
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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर उत्तराखंड में आगामी चुनाव को देखते हुए पार्टी में सीएम का चेहरा घोषित करने की अपनी बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि भाजपा को जवाब देने के लिए ये अति आवश्यक है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी हाईकमान जो भी चेहरा घोषित करेगा, उसके पीछे वह एक कार्यकर्ता के रूप में खड़े रहेंगे।
मसूरी रोड स्थित आवास पर आज हरीश रावत से मीडिया ने उनसे कई सवाल पूछे। एक एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैने जितना अध्ययन किया उसमें ये ही सामने आ रहा है कि चाहे स्थानीय निकाय हों या फिर विधानसभा के चुनाव। हर बार हर राज्य में चुनाव मोदी बनाम अन्य हो रहे हैं। इसका लाभ हमें नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय चेहरा लाएंगे तो उसकी तुलना में भाजपा को भी स्थानीय चेहरा घोषित करना होगा। फिर जनता दोनों की तुलना करेगी। पार्टियों की तुलना भी आ जाएंगी। ऐसे में मोदीजी हर राज्यों में केवल गेस्ट आर्टिस्ट के रूप में आएंगे और अपनी बात कहकर चले जाएंगे। मैने एक रणनीतिक बदलाव के लिए सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि मैं यहां की राजनीति से जुड़ा हूं। इसलिए ये सुझाव दिया। ये नहीं समझा जाए कि मैं अपने लिए कह रहा हूं। पार्टी किसी को भी सीएम का उम्मीदवार घोषित कर दे। एक नाम आया तो मैने कहा कि स्वीकार्य है। कोई भी नाम होगा उसके पीछे खड़ा रहूंगा।
कांग्रेस संगठन में गुटबाजी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये ऐसा मुद्दा नहीं है। घर में कोई खुश और कोई नाखुश रहता है। इस पर बहस की जरूरत नहीं है। सब साथी हैं। एकजुट होकर काम किया। कोई नाखुश हैं, उसे संभालना पड़ेगा। जहां मुझसे संभव होगा करूंगा।
अपनी बात से हाई कमान को अवगत कराने का सवाल पर उन्होंने कहा कि कराएंगे। कुछ दोस्तों की मेहरबानी से चेहरा घोषित करने का मामला आगे बढ़ा। कुछ साथियों ने बात छेड़ी है तो यकीनन बात हाईकमान के सामने आएगी। जो निर्णय होगा स्वीकार्य होगा।
उन्होंने कहा कि चेहरा घोषित करने की परंपराएं हमने ही स्थापित की। हम पहले चेहरा घोषित करते थे। फिर नहीं रही। फिर हमने चेहरे घोषित भी किए। कई राज्य ऐसे हैं। शीला दीक्षित को चेहरा घोषित किया, तीसरे नंबर की पार्टी बना दिए गए थे। तीसरे से लोकसक्षा चुनाव में संघर्ष में आ गए थे। ऐसा नहीं है कि हरीश रावत ने कुछ अजूबा कहा है।
उन्होंने कहा कि मैं यहां कांग्रेस वर्कर के रूप में जो करना होगा करूंगा। करता हूं। ए विधायक साथियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ डीएम कार्यालय गया। हरिद्वार किच्छा में भी गया। अपनी बात को आला कमान के समक्ष कैसे रखोगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये बातें ढोल बजाकर नहीं की जाती। पार्टी में यदि गलती करते हैं सुधारा जाता है। समझाया जाता है। कांग्रेस व भाजपा में अंतर है। वहां उपर से नीचे तय होता है। कांग्रेस में नीचे से बहस होती है। मतभेद भी होते हैं। बाद में हाईकमान निर्णय करता है। मेरे मन में विचार आया। सभी ये बात कह रहे हैं, चुनाव मोदी बनाम हो रहे हैं। इतने साल में रणनीतिक तौर सीखा है। इसलिए चेहरा घोषित करने की बात कही।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
यहाँ रावत जी की बात बिलकुल सही है उतराखण्ड मे हरीश रावत जी से बड़ा चेहरा नही है. चेहरा घोषित करना अनिवार्य है. ठीक है राज्य के मुद्दों पर चुनाव हो यह मोदी मोदी पौलसी बीजेपी की है व यह अब नही चलेगी