पूर्व सीएम हरीश रावत का आज फिर मौन उपवास बैठे, मुद्दा है कलाकार और पत्रकार

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश एक बार फिर आज मौन उपवास पर बैठे। इस बार उनका मुद्दा लोक कलाकारों के साथ पत्रकार भी है। ओल्ड मसूरी रोड स्थित आवास पर सुबह दस बजे से वह दो घंटे के सांकेतिक मौन उपवास पर बैठे। ताकि सरकार बजट में इन लोगों के लिए भी कोई व्यवस्था कर सके।
लॉकडाउन के दौरान जहां बड़ी संख्या में पत्रकार बेरोजगार हुए, वहीं लोक कलाकार भी खाली बैठे हैं। कार्यकर्मों का आयोजन नहीं होने के कारण ऐसे कलाकारों को रोजी रोटी के लाले पड़ गए। वहीं सरकार ने कलाकारों को सिर्फ एक हजार रुपये मदद की घोषणा की थी। जो ऊंट के मुंह पर जीरा साबित होने वाली मदद है। बजट सत्र में इन समस्याओं को उठाने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करने को हरीश रावत का आज का मौन उपवास है। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट डाली कि-
आजकल बहुत चर्चा है कि राज्य सरकार बजट पर सुझाव माँग रही है। राज्य के सृजनात्मक कार्यों में लगे हुये लोगों के ऊपर कोरोना का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ा है। उनकी आर्थिक स्थिति इससे बहुत बदहाल हुई है। उन्हें सरकार की मदद की नितांत आवश्यकता है। ऐसे वर्गों में हमारे कलाकार हैं। हमारे पत्रकार हैं। हमारे वाद्ययंत्र आदि के वाधक और दूसरे हमारे भाई-बहन हैं। इन्हीं लोगों की समस्या को लेकर वह सुबह देहरादून स्थित आवास पर एक सांकेतिक मौन उपवास पर बैठे। उन्होंने कहा कि इसके जरिये अपना सुझाव सरकार तक पहुँचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि-मैं सांकेतिक मौन पर बैठकर अपनी भावना को राज्य सरकार तक शुभकामनाओं के साथ संप्रेषित करना चाह रहा हूं। ताकि वो इन वर्गों के लिये, समाज के इन हिस्सों के लिये कुछ व्यवस्था कर सकें।





