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December 14, 2024

हरीश रावत ने बढ़ाई ईनाम की राशि, कहा-अखबार में लगा मेरा ये बयान दिखाओ और पांच लाख रुपये पाओ

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत अक्सर सोशल मीडिया में चर्चाओं में रहते हैं। उनकी पोस्ट में कई बार पिछली हारों का दर्द रहता है, तो कई बार बीजेपी पर वह हमलावर भी दिखते हैं। अब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट डाली। साथ ही अपने दर्द को भी बयां किया। उन्होंने उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में उपजे मुस्लिम यूनिवर्सिटी विवाद पर अपनी ओर से घोषित ईनाम की राशि को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी। रावत ने कहा कि जो भी व्यक्ति किसी समाचार पत्र में दिए गए उनके बयान को लाकर दिखाएगा कि मैने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की थी, तो उसे यह रकम दी जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हरीश रावत ने सोशल मीडिया में डाली ये पोस्ट
हिमाचल में कांग्रेस के लिए नई आशा पैदा हो गई है। मगर उत्तराखंड में आज भी कई लोगों के मन यह सवाल है कि हम जीतते-जीतते क्यों हार गये? हार का एक प्रमुखतम कारण प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, देश के सभी मूर्धन्य मंत्रीगणों, 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा 3 दिन तक लगातार सघन प्रचार के जरिये एक झूठ को फैलाना भी रहा है। इसमें राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री भी सम्मिलित हैं कि-कांग्रेस सत्ता में आएगी मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने आगे कहा कि-और एक जाली व झूठा समाचार पत्र सोशल मीडिया में प्रचारित-प्रसारित किया गया। जिसमें मुझको लेकर यह बयान का शीर्षक बनाया गया और उसको आधार बनाकर सारे राज्य के गांव-गांव और बूथ-बूथ तक इस झूठ को पूरी शक्ति लगाकर पहुंचाया गया। मैं आज भी भाजपा से कह रहा हूं कि एक बयान तो छोड़ दो, हरीश रावत ने किसी के कान पर भी कहा हो या हरीश रावत के कान पर भी किसी ने कहा हो कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाइए तो मैं राज्य के लोगों से माफी मागूंगा और राजनीति भी हमेशा के लिए छोड़ दूंगा। मगर भाजपा न कोई ऐसा अखबार दिखा पाई है, न ऐसा कोई ऐसा व्यक्ति प्रस्तुत कर पाई है जो कहे कि हां हरीश रावत जी आपने मुझसे कहा था कि मैं मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाऊंगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हरीश रावत आगे लिखते हैं कि मैंने पहले ऐसे व्यक्ति को, ऐसे अखबार को सामने लाने के लिए ₹50,000, फिर ₹1,00,000 और फिर ₹3,00,000 का पुरस्कार रखा था। अब मैं यह पुरस्कार राशि को बढ़ाकर ₹500000 कर रहा हूं। अब भी यदि कोई व्यक्ति, ऐसा कोई प्रकाशित अखबार ले आए, जिसमें मेरा यह बयान हो कि मैं मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाऊंगा, तो मैं राज्य के लोगों से माफी मांग कर राजनीति छोड़ दूंगा। अन्यथा फिर मेरे पास एक ही विकल्प है कि मैं न्यायिक शरण में जाऊं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि-मैं पुलिस की शरण में भी गया था। मगर पुलिस जब, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नाम हो तो फिर पुलिस भी अंधी हो जाती है। उनको कुछ दिखाई नहीं देता है और उनसे अपेक्षा भी नहीं करनी चाहिए कि उनको कुछ दिखाई पड़ेगा। वो केस दर्ज करेंगे! तो मैं न्यायिक शरण में जाने के लिए बाध्य होऊंगा। मैं अपने आरोप को फिर दोहरा रहा हूं कि भाजपा झूठे लोगों की पार्टी है। मुस्लिम यूनिवर्सिटी के झूठ के गर्भ से वर्तमान धामी सरकार पैदा हुई। हिम्मत है तो मुझ पर मुकदमा करके देखो।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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