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April 19, 2025

हरीश रावत को मिला फ्री हैंड, लीड करेंगे चुनाव प्रचार, प्रभारी को मिली नसीहत, विधायक तय करेंगे सीएम

उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत को आखिरकार चुनाव संचालन के लिए फ्री हैंड मिल गया। चुनाव प्रचार की अब वही लीड करेंगे। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को राहुल गांधी ने नसीहत दी।

उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत को आखिरकार चुनाव संचालन के लिए फ्री हैंड मिल गया। चुनाव प्रचार की अब वही लीड करेंगे। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को राहुल गांधी ने नसीहत दी। वहीं, सीएम के सवाल पर उन्होंने साफ कर दिया, चुनाव जीतने के बाद इसे विधायक तय करेंगे। हरीश रावत की नाराजगी को पार्टी आलाकमान ने जायज माना। हरीश रावत ने राहुल गांधी से अकेले में मुलाकात की तो उन्हें उत्तराखंड की पूरी तस्वीर से रूबरू कराया। वहीं, जब राहुल गांधी के साथ उत्तराखंड कांग्रेस के अन्य नेताओं ने बैठक की राहुल गांधी ने दो टूक कह दिया कि हरीश रावत ही 2022 के चुनाव को लीड करेंगे। हालात यह हुए कि हरीश रावत की शिकायत के बाद प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को राहुल गांधी ने फटकार लगाई। साथ ही यह भी कह दिया कि आपक वहां पर पार्टी के मुद्दों को सुलझा ने भेजा था उलझाने नहीं।
देवेंद्र यादव को राहुल गांधी ने यह तक कह दिया कि जब उत्तराखंड कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बनाया गया है तो फिर वे उनके कार्यक्रमों में कोई भी बदलाव क्यों नहीं कर पा रहे हैं। दिल्ली में राहुल गांधी के साथ हुई बैठक के बाद पूर्व सीएम और कांग्रेस की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि मेरे हाथ खुल गए हैं। चुनाव मैं लीड करूंगा, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा ये चुनाव के बाद तय होगा। इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने हरीश रावत से दूरभाष पर संपर्क साधा था। दिल्ली का रुख करने से पहले रावत आश्वस्त दिखे और उनके सुर और रुख में नरमी रही। उधर, हाईकमान के बुलावे पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत तमाम नेता गुरुवार रात्रि दिल्ली पहुंच गए थे।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले हरीश रावत के तेवरों ने कांग्रेस के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी थी। राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान का जिम्मा संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री ने बीते रोज कई ट्वीट कर संगठन के मोर्चे पर असहयोग और नकारात्मक रुख पर हमला बोला था। साथ ही चुनाव प्रचार की रणनीति तय करने में फ्री हैंड नहीं मिलने का इशारा कर पार्टी को निशाने पर लिया था। रावत के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने मौजूदा परिस्थितियों के लिए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को ही सीधे जिम्मेदार ठहरा दिया।
दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात के बात रावत ने गाते हुए कहा-कदम-कदम बढ़ाए जा, कांग्रेस के गीत गाए जा, ये जिंदगी के उत्तराखंड के वास्ते, उत्तराखंड पर लुटाए जा। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के गीत गाएंगे और उत्तराखंड पर जिंदगी लुटाएंगे। रावत ने कहा कि उत्तराखंड के प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर हमारे नेता राहुल गांधी के साथ सभी की बैठक हुई थी, इसमें तय हुआ कि आगामी चुनाव में कैंपेन कमेटी के चेयरमैन हरीश रावत होंगे।
सीएम के चेहरे पर रावत ने कहा कि कांग्रेस में एक विशेषाधिकार हमेशा कांग्रेस प्रेसिडेंट के पास रहा है और कांग्रेस प्रेसिडेंट बाद में नेता तय करते हैं। हरीश रावत ने कहा कि मेरे हर कदम से बीजेपी का नुकसान होता है। राष्ट्रीय निर्देश मिलने के बाद तमाम बातों का निवारण हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चुनाव के दौरान मैं कांग्रेस पार्टी का चेहरा रहूंगा।
हरीश रावत के बगावती तेवर के बाद कांग्रेस पार्टी में हलचल मच गई थी और उन्हें तत्काल दिल्ली बुलाया गया। हरीश रावत के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भी दिल्ली तलब किया गया था। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आज सुबह दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने भी रावत के बयान के बाद चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है और चुनाव की तैयारियों को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं।
इससे पहले हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए पार्टी नेताओं और संगठन पर निशाना साधा था। ट्विटर पर एक लंबे पोस्ट में रावत ने लिखा था, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं. मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!
अगले ट्वीट में रावत ने लिखा था-फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे। गौरतलब है कि रावत कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्‍य है और उन्‍हें उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी के चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है।
पंजाब के पूर्व सीएम और हाल ही में कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने रावत के ट्वीट पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था-आप जो बोते हैं, वहीं काटते हैं. आपके भविष्‍य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं (यदि कोई हों) हरीश रावत जी। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी हरीश रावत पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था-पहले असम, फिर पंजाब, अब उत्तराखंड…भोग पूरा ही पाउण गे, कसर न रह जावे कोई। बता दें कि तिवारी पहले भी पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू से लेकर कांग्रेस हाईकमान के नए नेताओं पर निशाने साधते रहे हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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