हरीश रावत भी चले केजरीवाल की राह, 200 यूनिट फ्री बिजली की पैरवी, दलबदलुओं की वापसी पर किया कटाक्ष
सोशल मीडिया में अपनी बेबाक टिप्पणियों से चर्चा में रहने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी केजरीवाल की राह चल पड़े। उन्होंने उत्तराखंड में आम नागरिक, गरीबों को दो सौ यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा किया। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया में भाजपा के खिलाफ जारी होने वाले कार्टून पर टिप्पणी न करने की भी सलाह दी। दलबदलुओं की पार्टी में वापसी को लेकर भी उन्होंने कड़ा कटाक्ष किया।
गरीबों को बिजली देने का वादा
फेसबुक पर हरीश रावत ने पोस्ट डाली कि-मैंने, गरीबों के लिये, राज्य के सामान्य आदमी के लिये, ये क्या कह दिया कि हम 100 यूनिट से लेकर के 200 यूनिट तक प्रत्येक परिवार को #बिजली मुफ्त देंगे। प्रत्येक परिवार को 25 लीटर शुद्ध पीने का #पानी भी 2024-25 तक नि:शुल्क उपलब्ध करवायेंगे। साथ ही कहा कि इस पर-तो मेरे कई दोस्तों को बहुत तकलीफ हो रही है। मेरे साथ बहुत प्यार है न उन दोस्तों का! इसलिये उन्हें बहुत तकलीफ हो रही है। मुझे गुलजार के दो शब्द याद आते हैं, उनकी इस अदा पर “मचल कर जब भी आंखों से ढलक जाते हैं दो आंसू, सुना है झरनों को बड़ी तकलीफ होती है”।
कांग्रेसियों को किया सावधान
हरीश रावत ने अपनी एक पोस्ट में भजापा के हमलों से सावधान किया। या यूं कहें कि कटाक्ष किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में डाला कि-कांग्रेसजन और स्वतंत्र सोच वाले लोग सावधान रहें, यदि कोई उल्टा-पुल्टा व्यक्ति या कार्टून कहीं, कोई आकृति कहीं दूर से भी ऐसा लगता हो कि #भाजपा के किसी शीर्ष नेता से मेल खा रही है, तो उस पर कॉमेंट न करें। यदि आप शाकाहारी कॉमेंट भी करेंगे तो भाजपा मांसाहारी बनकर आप पर टूट पड़ेगी और आपको इतने मुकदमों में फांसेगी कि तुम तौबा करने लग जाओगे। अब तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिये भगवान से ही प्रार्थना करनी पड़ेगी।
दलबदलुओं पर भी किया कटाक्ष
हाल ही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कोटद्वार में कहा था कि कांग्रेस के दरवाजे सबके लिए खुले हैं। इस पर कांग्रेस में जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने विरोध भी किया। अब इस मुद्दे पर हरीश रावत ने भी टिप्पणी की। फेसबुक पर उन्होंने लिखा-धन्य है, #उत्तराखंड की राजनीति। देश भर के #दल_बदलू अब रूठे हुये अपने हो गये हैं, असम, अरुणांचल, मणिपुर, गोवा, तेलंगाना, कर्नाटका, अभी-अभी मध्य प्रदेश के दल-बदलू भी अब अपने रूठे हुये कहलायेंगे।
यह हमारी भूल थी कि हम उन्हें दल-बदलू कह गये, उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया, #न्यायपालिका ने भी इन रूठे हुये लोगों को दल-बदलू महापापी कहकर उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया। अब पता चला कि ये लोग तो दूध के धुले हुये 24 कैरेट के सोना हैं, #भाजपा को हम यूं ही कोस रहे हैं। खरीद-फरोख्त व लोकतंत्र को ध्वस्त करने का आरोप पर आरोप लगाये जा रहे हैं। उन्होंने तो हमारे रूठे हुये लोगों को मात्र छाया दी है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।