हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में गाईनी इंडोस्कोपी पर एक दिवसीय कार्यशाला में हैंड्स ऑन ट्रेनिंग का प्रशिक्षण
कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि डायरेक्टर मेडिकल सर्विसेज बोर्ड डॉ. मुश्ताक अहमद व मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. एसएल जेठानी ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को अधिक से अधिक सीखकर इसे व्यवहार में लाने की बात कही। प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. रूचिरा नौटियाल ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य प्रजनन क्षमता को मिनीमल एक्सेस सर्जरी से संरक्षित करना था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी सर्जरी का कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें प्रशिक्षित होना आज के समय में सभी चिकित्सकों के लिए जरूरी है। उन्होंने बताया कि लेप्रोस्कोपी एक इनवेसिव विधि है जिसका उपयोग रोग के निदान और बांझपन की समस्या का इलाज करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा प्रतिभागियों को लेप्रास्कोपी विधि से सुचारु रूप से सर्जरी करने व ऐनेस्थिसीया संबंधी जानकारी दी गयी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली से आयी फैकल्टी डॉ. ऋचा शर्मा व डॉ. बिजॉय नायक ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में हिमालयन हॉस्पिटल, एसजीआरआरआईएमएस एवं एम्स ऋषिकेश के पीजी छात्र-छात्राएं शामिल हुये। कार्यशाला के सफल संचालन में में डॉ. रश्मि, डॉ. वीना, डॉ. निधि, डॉ. बानी, डॉ. ईनस, डॉ. राजीव, ओटी स्टाफ रेनू, पवन, संदीप ने अपना सहयोग दिया।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।