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August 12, 2025

नैनीताल स्थित शोध एवं विकास संस्थान के तीन विशेषज्ञों को हॉलवार हॉल ऑफ फेम अवार्ड से किया सम्मानित

सेन्ट्रल हिमालयन इस्टीट्यूट फॉर नेचर एंड एप्लाइड रिसर्च (चिनार) के चेयरमैन डॉ. प्रदीप मेहता, कार्यक्रम समन्वयक घनश्याम कल्कि पाण्डे़ एवं राम सिंह कोरंगा को एल्फ्रेड नोबेल म्यूजियम स्वीडन की ओर से आयोजित एक ऑनलाईन कार्यक्रम में हॉलवार हॉल ऑफ फेम अवार्ड से सम्मानित किया गया।

नैनीताल स्थित शोध एवं विकास संस्थान सेन्ट्रल हिमालयन इस्टीट्यूट फॉर नेचर एंड एप्लाइड रिसर्च (चिनार) के चेयरमैन डॉ. प्रदीप मेहता, कार्यक्रम समन्वयक घनश्याम कल्कि पाण्डे़ एवं राम सिंह कोरंगा को एल्फ्रेड नोबेल म्यूजियम स्वीडन की ओर से आयोजित एक ऑनलाईन कार्यक्रम में हॉलवार हॉल ऑफ फेम अवार्ड से सम्मानित किया गया।
ये अवॉर्ड विश्व के अन्य लेखकों के साथ यूनाइटेड नेशन की संस्था एफएओ, एलायन्स आफ बायोडाइवर्सिटी इन्टरनेशनल और सीआईटी की ओर से विभिन्न देशों के आठ स्थानीय समुदायों की खाद्य प्रणालियों के ऊपर प्रकाशित पुस्तक ‘इंडीजीनस पीपुल्स फूड सिस्टम: इनसाइट आन सस्टेनिबिलिर्टी एण्ड रेजीलिएन्स द फ्रन्टलाइन आफ क्लाइमेन्ट चेन्ज’ में हिमालय के नामिक क्षेत्र की अनवाल एवं भोटिया जनजातियों की पांरपरिक खाद्य प्रणालियों के ऊपर लिखे गये अध्याय पर दिया गया। कार्यक्रम में अनवाल एवं भोटिया जनजातियों को भी सम्मानित किया गया। चिनार संस्थान ने जनजातियों के एवज में सम्मान ग्रहण किया।
इस पुस्तक को बेस्ट सस्टेनेबिलिटी पब्लिकेशन- 2021 के रूप में भी सम्मानित किया गया है। चिनार के कार्यक्रम समन्वयक घनश्याम कल्कि पाण्डे ने बताया कि इस पुस्तक को स्वीडन के काल्र्सगोरा में स्थित अल्फ्रेड नोबेल हाउस में सस्टेनेबल गैस्ट्रोनामी प्रदर्शनी में 55 देशों की 600 पुस्तकों के साथ प्रदर्शित किया गया है। यह प्रदर्शनी 21 अक्टूबर 2021 को श्री अल्फ्रेड नोबेल के जन्मदिन पर समाप्त होगी।
यह पुस्तक अब स्वीडन में अल्फ्रेड नोबल संग्रहालय के हिस्से के रूप में रहेगी। चिनार के चेयरमैन डा प्रदीप मेहता ने इस उपलब्धि के लिए नामिक क्षेत्र की भोटिया एवं अनवाल जनजातियों का आभार व्यक्ति किया। डा मेहता ने कहा कि इन जनजातियों ने अभी भी पांरम्परिक खाद्य प्रणालियों को सहेज कर रखा है और इस प्रकार वे जलवायु परिवर्तन के खतने से डलने में मानव सभ्यता की बहुत बड़ी सहायता करते हैं। कार्यक्रम में अल्फ्रेड नोबल म्यूजियम के अध्यक्ष एडवॉर्ड कॉइन्ट्रीएन ने सभी लेखकों को बधाई दी और कार्यक्रम को समाप्त किया।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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