जन्म से था दिल में छेद, सांस लेने में तकलीफ होने पर एम्स में की हाईरिस्क सर्जरी, जानिए पीएपीवीसी बीमारी के लक्षण
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने राजस्थान निवासी एक व्यक्ति के जन्मजात दिल में छेद होने से साइनस विनोसस डिफैक्ट बीमारी की जटिल सर्जरी कर उसे जीवनदान दिया है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी चिकित्सकीय टीम की सफलतापूर्वक जटिल सर्जरी को अंजाम देने के लिए प्रशंसा की है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि हम अस्पताल में वर्ल्ड क्लास सुपरस्पेशलिटी सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रसर हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान का प्रयास है कि यहां विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएं, जिससे उत्तराखंड व समीपवर्ती राज्यों के मरीजों को उपचार के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे महानगरों में परेशान नहीं होना पड़े।
गौरतलब है कि राजस्थान निवासी एक व्यक्ति जो कि पिछले दो महीने से सांस फूलने की बीमारी से पीड़ित थे। एम्स अस्पताल में जांच करने पर पता चला कि उनके दिल में जन्म से छेद है। जिसकी उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं थी। इसके चलते उनके स्वच्छ खून की नसें गलत खाने (भाग) में खुल रही हैं। इसे मेडिकल साइंस में साईनस विनोसस डिफैक्ट एवं पीएपीवीसी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने राजस्थान में कई चिकित्सकों से संपर्क कर इस बाबत परामर्श लिया। जहां मालूमात हुआ कि ऑपरेशन कराने के बाद मरीज को पेसमेकर की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके बाद उन्होंने इस बीमारी से निजात पाने के लिए एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों से संपर्क साधा, विभाग के शल्य चिकित्सक डा. अनीष गुप्ता जो कि जन्मजात हृदय संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक हैं। उन्होंने डा. अजेय मिश्रा व डा. यश श्रीवास्तव से परामर्श के बाद उनकी इस हाईरिस्क सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। जिसके बाद अब उक्त व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डा. अनीष ने बताया कि यदि वक्त रहते यह ऑपरेशन नहीं किया जता तो यह बीमारी लाइलाज हो सकती थी। जिससे मरीज का हार्ट फेल हो सकता था
हार्ट सर्जरी कराने वाले मरीज ने इस ऑपरेशन के लिए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत का आभार व्यक्त किया है, जिनके अथक प्रयासों की बदौलत उत्तराखंड में ऐसी सुपरस्पेशलिटी सेवाएं एम्स ऋषिकेश में उपलब्ध हो पाई हैं एवं गरीब व बीमारी से दुखी मरीजों को दिल्ली अथवा चंडीगढ़ के अस्पतालों में इलाज के लिए धक्के नहीं खाने पड़ रहे हैं।
साथ ही मरीज ने ऑपरेशन को अंजाम देने वाली चिकित्सकीय टीम के सदस्य नर्सिंग ऑफिसर केशव, गौरव, सबरी नाथन, कलई मणी व तुहीन के साथ साथ वार्ड में भर्ती के दौरान उनका खयाल रखने वाले नर्सिंग ऑफिसर धन सिंह, प्रियंका आदि का भी आभार जताया है।
क्या है पीएपीवीसी
-जन्मजात हृदय की बीमारी जिसका इलाज ऑपरेशन से संभव है।
-साफ खून की कुछ नसें गंदे खून के भाग में खुल जाती हैं।
बीमारी के लक्षण
-सांस फूलना, दिल की धड़कन तेज होना, जल्दी थकान लगना, पैर में सूजन आना।
– समय पर इलाज नहीं कराने से हो सकता है हार्ट फेल या शरीर नीला पड़ सकता है ।
– इन लक्षणों के साथ साथ दिल में छेद रहने पर उसे साइनस विनोसस डिफैक्ट कहते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।