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November 8, 2025

चलती बाइक पर गुलदार ने किया हमला, पीछे बैठे युवक को दबोच कर ले गया साथ, फिर ऐसे बची जान

उत्तराखंड में जंगली जानवरों से भी दहशत रहती है। पर्वतीय जिलों में तो आएदिन गुलदार के हमले की घटनाएं सामने आ जाती हैं। अब चंपावत जिले में ऐसी घटना प्रकाश में आई, जिसे सुनकर हर किसी का दिल दहल उठेगा।

उत्तराखंड में जंगली जानवरों से भी दहशत रहती है। पर्वतीय जिलों में तो आएदिन गुलदार के हमले की घटनाएं सामने आ जाती हैं। अब चंपावत जिले में ऐसी घटना प्रकाश में आई, जिसे सुनकर हर किसी का दिल दहल उठेगा। कारण ये है कि गुलदार ने चलती बाइक पर बैठे युवकों पर ही हमला कर दिया। इनमें से एक को दबोच कर वह कुछ दूर घसीटकर भी ले गया। गमीनमत थी कि उसके साथी ने शोर मचाया। इस पर गुलदार भाग निकला। घटना चंपावत जिले की है। घायल युवक का इलाज चंपावत जिले के संयुक्त चिकित्सालय टनकपुर में चल रहा है।
बताया जा रहा है कि अब्दुल रहमान (34) पुत्र सगीर अहमद, निवासी बगिया मोहल्ला, ग्रामीण पोस्ट करेली, जिला बरेली, उत्तर प्रदेश व धर्मवीर गुप्ता (28) पुत्र गेंदन लाल, निवासी रामपुर बुजुर्ग भमोरा, जिला बरेली, उत्तर प्रदेश बाइक पर सवार होकर चंवापत से टनकपुर जा रहे थे। सूखीढांग में रुककर खाना खाने के बाद जब वे आगे बढ़े तो कुछ ही दूरी पर एक गुलदार पीछे पड़ गया।
बाइक चला रहे धर्मवीर गुप्ता ने स्पीड बढ़ाकर गुलदार से बचने का प्रयास किया, लेकिन गुलदार ने झपट्टा मार कर बाइक पर पीछे बैठे अब्दुल का पैर पकड़ लिया और उसे बाइक से नीचे गिरा दिया। इसके बाद गुलदार उसे खींचकर ले जाने लगा। तभी धर्मवीर ने बाइक रोकी और शोर मचाना शुरू कर दिया। साथ ही उसने गुलदार की तरफ पत्थर भी फेंके। इस बीच आसपास के लोग भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद गुलदार अब्दुल को छोड़कर भाग गया।
चिकित्सकों के मुताबिक अब्दुल के पैर में गंभीर घाव है। वह अर्धबेहोशी की हालत में है। उसका उपचार चल रहा है। बूम क्षेत्र में वन विभाग के लोगों का कहना है कि हमलावर गुलदार 14 से 15 महीने का है। वह दो सप्ताह पूर्व क्षेत्र में घूमता हुआ दिखाई दिया था। क्षेत्र में पिंजड़ा लगाने की अनुमति मांगी गई थी, जो मिल गई है। हील ही में गुलदार के हमले की यह दूसरी घटना है। इससे पूर्व 26 जून को गुलदार ने सूखीढांग में आरजीबीएल के विश्राम गृह में घुसकर कर्मचारी पर हमला बोल दिया था। इस घटना के बाद क्षेत्र में भय का माहौल है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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