ग्राफिक एरा वन्यजीवों का संरक्षण जीवन की निरंतरता का संकल्प, युवाओं से नीतियों से जुड़ने का आह्वान
देहरादून स्थित ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में विशेषज्ञों ने युवाओं को वन्यजीव संरक्षण के लिए बनने वाली नीतियों से जुड़ने का आह्वान किया। वन्यजीव सप्ताह पर आयोजित समारोह में विशेषज्ञों ने वन्यजीवों को पारिस्थितिकी संरक्षण की महत्वपूर्ण कड़ी बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व अपर महानिदेशक मनमोहन सिंह नेगी ने कहा कि वन्यजीवों का संरक्षण कोई विकल्प नहीं, बल्कि धरती पर जीवन की निरंतरता का संकल्प है। मनमोहन सिंह नेगी ने कहा कि देहरादून की युवा पीढ़ी पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति अत्यंत सजग और संवेदनशील है, लेकिन आवश्यकता है उन्हें प्रणाली और नीति निर्माण से सक्रिय रूप से जोड़ा जाए। ताकि वह अपने विचारों और प्रयासों को व्यावहारिक रूप दे सकें। उन्होंने कहा कि वन्यजीव अधिकारियों की भूमिका और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कानून की जानकारी समाज के हर वर्ग तक पहुंचना आवश्यक है क्योंकि जागरूकता ही संरक्षण की पहली सीढ़ी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिंदर सिंह ने कहा कि भारत अपनी अद्वितीय जैव विविधता और जीव-जंतुओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है। ऐसे में वन्यजीवों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में हमारा सक्रिय योगदान भी है। यूनिवर्सिटी के प्रो-वीसी डा. संतोष एस. सर्राफ ने कहा कि अपनी जीवन शैली में लाए छोटे-छोटे बदलाव हमें वन्यजीवों के संरक्षण और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पशु चिकित्सा अधिकारी डा. सनथ के. मूलिया ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से चीता परियोजना की सराहनीय पहल और उसके प्रभावों को बारीकी से साझा किया। भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसंधान वैज्ञानिक डा. अयान साधु ने बाघ संरक्षण में नई तकनीक और नवाचारों पर अपने विचार साझा किया और बताया कि आधुनिक तकनीक कैसे उनकी सुरक्षा और संरक्षण में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के बायोसाइंस डिपार्टमेंट ने भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून वन विभाग और उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड के साथ संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर बायोसाइंस डिपार्टमेंट की एचओडी डा. मनु पंत के साथ डा. वी. पी उनियाल, डा. डी. पी सिंह, डा. आशीष गौर, अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन टीना नेगी ने किया।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




