ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी की नई पहल, हिंदी माध्यम से बीटेक में बड़ी स्कॉलरशिप
उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणीय संस्था ग्राफिक एरा ने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत बड़ी पहल की है। इसके तहत विश्वविद्यालय की सोशल वैलफेयर कमेटी ने हिंदी माध्यम से बीटेक करने वाले छात्र-छात्राओं को फीस के 50 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप देने का निर्णय किया है। हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए ये एक बड़ा उपहार दिया है। इस तरह वे छात्र-छात्राएं भी अपना भविष्य संवार सकेंगे, जो हिंदी माध्यम के विद्यालयों से आने के कारण इंजीनियरिंग नहीं कर पाते।एआईसीटीई – केंद्र सरकार ने इसी सत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी का हिंदी माध्यम से बीटेक शुरू करने के लिए चयन किया है। एआईसीटीई ने ग्राफिक एरा को कम्प्यूटर साईंस इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन में बीटेक शुरु करने के लिए मंजूरी दी।
केंद्र सरकार की इस पहल को आगे बढ़ाने और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के प्रतिभाशाली युवाओं को बीटेक करने का अवसर देने के लिए ग्राफिक एरा की सोशल वैलफेयर कमेटी आगे आई है। इस तरह हिंदी माध्यम के छात्र-छात्राओं को पहली बार केंद्र सरकार की देश के टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची में 75वीं रैंक पाने वाले और नैक से ए ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय से बीटेक करके भविष्य संवारने का अवसर मिलेगा।

ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि सोशल वैलफेयर कमेटी के इस फैसले के बाद अब इंजीनियरिंग करके कैरियर बनाने की नई राह खुल गई है। दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा आसान नहीं होती। कठिन परिस्थितियों के चलते ऐसे युवा चाहकर भी इंजीनियरिंग नहीं कर पाते और तमाम अरमानों को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में जाना उनकी मजबूरी बन जाती है। सारी जिंदगी उन्हें इस बोझ के साथ जीनी पड़ती थी कि जिस फील्ड में वे बहुत आगे बढ़ सकते थे, उसके दरवाजे से ही उन्हें लौटा दिया गया।
डॉ. घनशाला ने कहा कि आर्थिक, ढांचागत और भाषाई समस्याओं के कारण इंजीनियरिंग की शिक्षा से दूर रह जाने वाले ऐसे छात्र-छात्राओं को अब ग्राफिक एरा में हिंदी माध्यम से बीटेक करने के लिए मैरिट के आधार पर फीस का 50 फीसदी तक स्कॉलरशिप दी जाएगी। ग्राफिक एरा से हिंदी माध्यम से में बीटेक कम्प्यूटर साईंस इंजीनियरिंग के लिए 75 प्रतिशत और मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन के लिए 60 प्रतिशत न्यूतम अंकों की अनिवार्यता होगी। इन तीनों कोर्स में 60-60 सीटें रखी गई हैं। यह छूट देश के हर क्षेत्र के युवाओं को सीटें उपलब्ध रहने तक दी जाएगी। ऐसे युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए अंग्रेजी और पीडीपी की विशेष कक्षाएं चलाई जाएंगी, ताकि उन्हें कॉरपोरेट जगत की जरूरतों के अनुरूप ढाला जा सके।





