ग्राफिक एरा बना देश का पहला जेन एआई कैम्पस, अमेजॉन से मिलाया हाथ
देहरादून। ग्राफिक एरा ने अमेजॉन से हाथ मिलाकर शिक्षा को तकनीक से जोड़ने के अपने प्रयास को आगे बढ़ाया। अब ग्राफिक एरा देश का पहला और सबसे बड़ा फ्यूचर रेडी जेन एआई कैम्पस बन गया है। इसके लिए ग्राफिक एरा और अमेजॉन के बीच करार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में कार्यक्रम को आयोजन किया गया। ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व की प्रख्यात कम्पनी अमेजॉन के सहयोग से ग्राफिक एरा शिक्षा को तकनीक से जोड़ने के अपने प्रयास को आगे बढ़ाएगा। ये सह-भागेदारी छात्र-छात्राओं को नई तकनीकों से जोड़ेगी और उन्हें उद्योग जगत मे बेहतर अवसर प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि ग्राफिक एरा कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटैलिजेन्स से जुड़े पांच नये विषय शुरू करेगा। इसमें तीन से पांच सेमेस्टर तक के छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रमों में फण्डामेंटल्स ऑफ मशीन लर्निंग, एनएलपी, डीप लर्निंग, कम्प्यूटर विजन और जनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क विषय जोड़े जायेंगे। इसके लिए ग्राफिक एरा शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी प्रशिक्षण दे रहा है। ये कोर्स जल्द ही शुरू कर दिए जायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस करार के तहत अमेजॉन वेब सर्विसिस पर छात्र-छात्राएं 700 से ज्यादा ऑनलाइन कोर्स कर सकेंगे। इसमें जनरेटिव एआई, क्वांटम कम्प्यूटिंग, मशीन लर्निंग जैसी अग्रणी तकनीकों के प्रशिक्षण व सर्टिफिकेट के साथ ही प्रैक्टिकल लैब की सुविधा भी उपलब्ध होगी। कार्यक्रम में अमेजॉन वेब सर्विसिस की इण्डिया लीड एजुकेशन एण्ड स्किल्स सुमिता गुप्ता, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के डीन एकेडमिक्स डा. डी. आर. गंगोडकर, कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी डा. देवेश प्रताप सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी डा. दिब्यहष बोरदोलोई, शिक्षक शिक्षिकाएं और सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।