नेचुरल इलेक्ट्रोलाइट्स तैयार करने पर ग्राफिक एरा ने श्रीबिध्या को प्रदान की पीएचडी की उपाधि
एक नई और महत्वपूर्ण तकनीक के लिए ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने श्रीबिध्या मोहंति को पीएचडी की उपाधि प्रदान की है। सेंसर के लिए नेचुरल इलेक्ट्रोलाइट बनाने की तकनीक खोजने पर श्रीबिध्या मोहंति को इस उपाधि से नवाजा गया है। श्रीबिध्या ग्राफिक एरा में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की शिक्षिका हैं। उन्होंने यह शोध इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की सेंसर एंड एक्चुएटर लैब के प्रमुख अन्वेषक डॉ. वारिज पंवार के निर्देशन में किया है।
श्रीबिध्या ने शोध के जरिए गन्ने व आमला के रस और नींबू की पॉली झिल्ली से नेचुरल इलेक्ट्रोलाइट्स विकसित करने में सफलता पाई है। यह नेचुरल इलेक्ट्रोलाइट्स हानिकारक पदार्थों से होने वाली शारीरिक व प्राकृतिक समस्याओं को कम करने में मददगार होंगे। अभी तक इलेक्ट्रोलाइट्स केमिकल से बनाए जा रहे थे। अब उनकी लागत भी अपेक्षाकृत कम हो जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ग्राफिक एरा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने इस बेहतरीन शोध को समाज के लिए उपयोगी करार देते हुए श्रीबिध्या को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस शोध का लाभ पूरी दुनिया को मिलेगा। पीएचडी के लिए फाइनल डिफेंस में सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी दिल्ली के डॉ. दीपक जोशी एक्सटर्नल एग्जामिनर के रूप में मौजूद रहे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।