आठ साल की पोती को बचाने के लिए दादी ने मारी नदी में छलांग, दोनों लापता
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले में पानी पीने के दौरान आठ साल की बच्ची पैर फिसलने से काली नदी में जा गिरी। पोती को बचाने के लिए 52 वर्षीय दादी ने भी नदी में छलांग लगा दी। दोनों ही नदी के बहाव में लापता हो गए।

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले में पानी पीने के दौरान आठ साल की बच्ची पैर फिसलने से काली नदी में जा गिरी। पोती को बचाने के लिए 52 वर्षीय दादी ने भी नदी में छलांग लगा दी। दोनों ही नदी के बहाव में लापता हो गए। दोनों गांव के लिए किसी बच्चे के जनेऊ संस्कार में भाग लेने के लिए लाटेश्वर मंदिर पहुंचे हुए थे। दोनों की तलाश में एसडीआरएफ की टीम जुटी है।
घटना रविवार की दोपहर झूलाघाट से करीब छह किमी दूर सीमू के लाटेश्वर मंदिर के निकट की है। काली नदी किनारे नेपाल सीमा से लगे कानड़ी ग्राम पंचायत के राजस्व गांव सीमू में काली नदी किनारे प्रमुख तीर्थस्थल लाटेश्वर मंदिर है। इस मंदिर में स्थानीय किशोरों का उपनयन संस्कार होता है। रविवार को भी गांव के एक किशोर का यहां पर जनेऊ संस्कार था।
इसमें भाग लेने तारा देवी 52 वर्ष पत्नी खड़क सिंह रावत अपनी आठ वर्षीय पोती लतिका पुत्री सुरेश सिंह रावत के साथ गई थी। लतिका को प्यास लगी तो करीब एक बजे के वह पानी पीने के लिए अपनी दादी तारा देवी के साथ काली नदी किनारे गई। पानी पीने के दौरान लतिका का पांव फिसल गया और वह नदी में गिर पड़ी। उसे बहते देख दादी तारा देवी ने बचाने के लिए काली नदी में कूद मार दी और वह भी नदी के तेज बहाव में बह गई।
कार्यक्रम स्थल पर लोगों को इसकी खबर लगी तो मौके पर भीड़ जुट गई। सूचना झूलाघाट थाने को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस दल के साथ एसएसबी चौकी से जवान भी पहुंचे। थानाध्यक्ष तारा सिंह राणा ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है। दोनों की खोज जारी है लेकिन उनका का पता नहीं चल सका है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।