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December 23, 2024

अमन चैन कायम रखना सरकार की प्राथमिकता, उपद्रवियों के कृत्य पर विपक्ष खामोश: मनवीर चौहान

उत्तराखंड भाजपा ने हल्द्वानी प्रकरण को लेकर विपक्ष के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमन चैन कायम रखना और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाना सरकार की प्राथमिकता है। जांच से पहले ही प्रशासन पर दोष मढ़ने वाले पुलिस एवं प्रशासन की टीम और मीडिया पर जानलेवा हमला करने वालों को लेकर खामोश है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि जिस तरह अतिक्रमण करने वाले अपराधिक तत्वों ने देवभूमि की शांति को भंग करने का प्रयास किया है, यह कृत्य पूर्ण रूप से निंदनीय है। जांच एजेंसी उन्हे चिह्नित कर कानून के दायरे मे लायेगी।
उन्होंने इंडी गठबंधन (इंडिया गठबंधन, जिसे बीजेपी पूरा उच्चारण नहीं करती) और कांग्रेस नेताओं द्वारा स्थानीय अधिकारियों पर कार्यवाही एवं सिटिंग जज से जांच की मांग और टाइमिंग पर सवाल उठाए। (मदरसे के ध्वस्तीकरण की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, इसे लोकसभा चुनाव में फायदा पहुंचाने के आरोप बीजेपी पर लग रहे हैं) (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि किसी भी सरकार की प्राथमिकता ऐसी परिस्थिति में शांति बनाए रखने की होती है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जुटा है। उसके बाद दोषियों पर कार्यवाही के लिए पुलिस और जांच एजेंसी मुस्तैदी से जुटी है और एक एक आरोपी के ख़िलाफ़ कानून के विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी। इससे भविष्य इस तरह के कृत्य को करने में सोचेगा भी नहीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि अब जांच एजेंसियों ने आरोपी चिह्नित करने भी शुरू कर दिये है। परिणाम सामने आ रहे हैं और मास्टर माइंड समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्यवाही और जांच का जहाँ तक सवाल है तो इसके लिए घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिये गए है। अगर, जांच में जो भी लापरवाही या रणनीतिक कमी पाई जाएगी तो उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने आरोप लगाया कि इंडी गठबंधन अतिक्रमण हटाने का नोटिस को लेकर भ्रम फैला रहा है। नोटिस जारी किया गया था और हाईकोर्ट पहले ही अतिक्रमण हटाने के अपने निर्णय पर कायम है। चौहान ने विपक्ष की मांग एवं उसके पीछे की मंशा पर सवाल खड़ा किया कि वे पुलिस प्रशासन पर कार्यवाही और जांच की बात तो कर रहे हैं, लेकिन जिन कब्जेधारियों ने अराजक तत्वों की मदद से इतनी बड़ी दुखद घटना को अंजाम दिया, उन पर एक शब्द नही बोल रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि जो प्रशासनिक लापरवाही की बात कर रहे हैं उन्होंने एक बार भी नही कहा कि कानून अपने हाथ में लेकर पुलिस प्रशासन को घेरकर पेट्रोल बम, फायरिंग और पत्थरबाजी से उनपर जानलेवा हमला और आगजनी की घटना निंदनीय है। यह दुखद है कि महिला पुलिसकर्मियों से मारपीट की गई। लोकतांत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारों पर भी प्राणघातक हमले किए गए। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी विपक्षी नेता हमलावरों की इस कुकृत्य के लिए आलोचना करना तो दूर, जानलेवा हमला करने वालों के विरोध में खड़े होने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि भाजपा इस घटना के सभी पीड़ित पक्षों के साथ खड़ी है और दोषियों पर कठोरतम कार्यवाही की पक्षधर हैं। कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के साथ सख्ती से पेश आना जरूरी है, ताकि भविष्य में देवभूमि की शांति को भंग करने की कोई कोशिश न करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हल्द्वानी की घटना
गौरतलब है कि आठ फरवरी की शाम को बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण करार दिए गए मदरसे और नमाजस्थल को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान पुलिस, प्रशासन की टीम पर पथराव हो गया था। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी। आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फायरिंग करनी पड़ी। पथराव के दौरान छह लोगों की मौत की खबर है। वहीं, 60 पुलिस कर्मियों के साथ ही तीन सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए। भीड़ ने कई वाहनों को जला डाला। साथ ही थाने में भी आग लगा दी। हल्द्वानी में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही दंगाइयों को देखते गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मामले लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से ये घटना हुई। ना तो स्थानीय लोगों को विश्वास लिया। साथ ही धार्मिक नेताओं और क्षेत्रीय शांति कमेटी का भी सहयोग भी नहीं लिया गया। ऐसे में माहौल खराब हो गया। पथराव की घटना की हर एक ने निंदा की, लेकिन प्रशासन की लापरवाही को भी माना। लोगों का कहना था कि जब मामला कोर्ट में पहुंच गया था, तो कुछ इंतजार किया जाना साथ ही लोकसभा चुनाव से ऐन पहले मस्जिद में बुलडोजर चलाने को राजनीतिक लाभ लेने की दृष्टि से भी देख रहे हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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