रेहड़ी, ठेली संचालकों और फेरीवालों को निशुल्क फूड लाइसेंस देगी सरकार

केन्द्र सरकार ने त्योहारी सीजन में रेहड़ी-ठेली संचालकों व फेरीवालों का फूड लाइसेंस शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है। केन्द्र सरकार के निर्णय को खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने उत्तराखंड राज्य में लागू कर दिया है। उत्तराखंड में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि खाद्य पदार्थ बेचने वाले रेहड़ी-ठेली संचालकों व फेरीवालों को भी विभाग से फूड लाइसेंस लेना होता था। इसके लिए प्रतिवर्ष की दर से निर्धारित शुल्क लिया जाता था। इसको केन्द्र सरकार ने माफ करने का निर्णय लिया है। फेरीवालों के लिए पंजीकरण शुल्क माफी 28 सितंबर 2024 से प्रभावी हो गई है। उत्तराखंड राज्य में भी इसे लागू कर दिया गया है। खाद्य प्राधिकरण द्वारा नया पंजीकरण आवेदन करने पर पांच वर्षों के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य की सीमाओं पर चलेगा सघन चेकिंग अभियान
त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग राज्य की सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चलाने जा रहा है। खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार का कहना है कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर मिलावटखोरों के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान लगातार जारी है। प्रदेश भर में खाद्य संबंधी वस्तुओं और भोजन के नमूने संग्रहित किये जा रहे हैं। जांच में नमूने फेल होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही राज्य की सीमाओं पर सघन चैकिंग अभियान चलाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये हैं। त्योहारी सीजन पर मिलावटी खाद्य पदार्थों की तस्करी करने वाले सक्रिय हो जाते हैं। हर साल कई मामले पकड़ में आते हैं, मिलावटखोरों के खिलाफ संबधित धाराओं में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ठेली वालों से लेकर मॉल तक में होगी छोपमारी
प्रदेश खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी का कहना है कि प्रदेशव्यापी अभियान के तहत ठेलियों से लेकर मॉल में खाद्य पदार्थ बेचने वालों की चैकिंग की जायेगी। इसके अलावा संस्थानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थ बेचने वाले व्यवसायियों की वस्तुओं की भी जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभिहित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वह बाजारों और सार्वजनिक स्थानों में छापेमारी कर मिलावटखोरी पर हर हाल में अंकुश लगाएं। उन्होंने बताया कि दस्ता मौके पर ही प्राथमिक जांच करेगा और यदि मिलावट की आशंका हुई तो इसके नमूने प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मिलावटरहित उत्पाद उपलब्ध कराना प्राथमिकता
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग के अभियान का उद्देश्य लोगों को स्वच्छ और मिलावटरहित उत्पाद उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि मिलावटी वस्तुओं के सैंपलिंग की जांच भी प्रयोगशाला में प्राथमिककता के आधार पर होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन पदार्थों की प्राथमिकता से होगी जांच
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि दुग्ध और इससे निर्मित उत्पाद के थोक और रिटेल व्यवसायियों के अलावा डेयरी और इन उत्पादों के ट्रासपोर्टर्स, खाद्य तेल और वसा निर्माण इकाईयां और उनके वितरक, खाद्य मसाले से संबंधित निर्माण इकाईयां और उनके वितरक, आटा मैदा और बेसन की निर्माण इकाईयां और सभी वितरक, इसके अलावा मिठाईयों की दुकानों में भी मिठाई के सैंपल लिए जाएंगे। इन उत्पादों की जांच एक सप्ताह में होगी और यदि मिलावट पाई गयी तो संबंधित प्रतिष्ठान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।