लोगों को उजाड़ने नहीं, बसाने पर विचार करे सरकार: विजयपाल सजवाण
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री विधानसभा से पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता विजयपाल सजवाण ने उच्च न्यायालय के आदेश के तहत नदी नालों के किनारे हटाने की सरकार की कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार को गरीब को उजाड़ने की बजाय बसाने पर विचार करना चाहिए। भारत में सभी को रहने के लिए छत जरूरी है। ऐसे में लोगो को उड़ाने से पहले उन्हें बसाने के समुचित उपाय होने चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार उत्तराखंड प्रदेश मे सभी जिलाधिकारियों व डीएफओ को नेशनल व स्टेट हाईवे सहित अन्य सड़कों तथा नदियों के किनारे सरकारी व वन भूमि पर किया गया अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये गये है। इस क्रम मे जनपद उत्तरकाशी के विभिन्न राजमार्गों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा गठित टीम के नेतृत्व मे अतिक्रमण ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नीकरण कार्य गतिमान है। इस मामले में उन्होंने उत्तराखंड सरकार की ओर समुचित पहल की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गंगोत्री क्षेत्र के पूर्व विधायक व उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजयपाल सजवाण ने कहा कि इस फैसले से जनपद उत्तरकाशी मे सडक किनारे वर्षों से जीवन यापन कर रहे लोगों के घरों व प्रतिष्ठानों को हटाने से जिले के हजारों परिवार बेघर हो रहे हैं। पहाड़ों मे रोजगार के सीमित साधन हैं। नीचे नदी व ऊपर पहाड़। ऐसी स्थिति मे लोग चारधाम यात्रा मार्ग पर दुकानें चलाकर आजीविका चला रहे हैं। वहीं, अचानक हुई इस तरह की कार्रवाई से वर्षों से जीवन यापन कर रहे लोगों पर रोजी रोटी का गहन संकट उत्पन्न हो जायेगा। तीन चार पीढ़ियों से चल रही दुकानों व मकानों को प्रशासन द्वारा अचानक चिह्नित कर हटाने के आदेश से पूरे इलाके मे अफरा तफरी का माहौल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि इनमे से कई भवन ऐसे भी हैं, जो लीज व सरकारी आवंटन पर बने हैं। समय-समय पर सरकार के विभिन्न योजनाओं से ये लोग लाभान्वित भी हुए हैं। सरकारी विभागों ने ही इन्हे बिजली, पानी जैसी सुबिधायें भी दी गई हैं। साथ ही बिभिन्न बैंकों से ऋण और सब्सिडी भी मिली है। आज भी कई प्रतिष्ठानों की ऋण आदायगी जारी है। ऐसे मे इन सभी को कैसे अवैध माना जा सकता है? सीमान्त जिला उत्तरकाशी और बॉर्डर क्षेत्र मे सरकार एक ओर तो इनके विकास की बात कर रही है, वहीं दूसरी और इनके आशियाने उजाड़कर इन्हे बेघर कर रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आवश्यक जगहों से अतिक्रमण हटाने के सभी हिमायती है, किन्तु जो लोग पिछले 50-60 वर्षों या पीढ़ियों से अपना प्रतिष्ठान चला रहे हैं, उन्हे अचानक हटाना किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है। सरकार का कर्तव्य होता है कि वह मुसीबत आने पर राज्य की जनता के लिए जीवन यापन के तरीके खोजे। इसी परिपेक्ष्य मे सरकार को इस अतिक्रमण अभियान के खिलाफ न्यायालय के सामने परेशान जनता और अपना पक्ष मजबूती के साथ रखना चाहिए। अतिक्रमण हटाने के नाम पर इसी तरह की सालों से बसे लोगों को उजाड़ने की खबरें राज्य भर से आ रही हैं। राज्य भर के लोगों को एक साथ अतिक्रमण हटाने के नाम पर अस्थिर नहीं किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री उक्त मामले का तत्काल संज्ञान लेकर जनपद उत्तरकाशी सहित पूरे प्रदेश मे अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पर जनहित को मध्यनजर रखते हुए सक्षम बैंच मे मजबूत पक्ष रखे। अथवा अध्यादेश के साथ विधानसभा मे कानून लाकर प्रभावित जनता के हितों को सुरक्षित करे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।