गंगोत्री में कड़ाके की सर्दी, तापमान -1 पहुंचा, सरकार ने नहीं की सर्दी से बचने की व्यवस्था
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में नवंबर माह में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। मंगलवार की सुबह ही तापमान -1 डिग्री सेंटीग्रेट था। इसके बावजूद यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों और मजदूरों के लिए सर्दी के बचने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
अक्टूबर माह में ही गंगोत्री में सर्दी बढ़ने लगी थी। आपसाप की चोटियों में होने वाले हिमपात से सर्दी से लोगों का बुरा हाल है। खासकर रात को गंगोत्री धाम रुकने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए सर्दी से बचने के कोई इंतजाम तक नहीं है। इससे क्षेत्र के व्यापारियों में भी रोष है।

व्यापारियों के मुताबिक सरकार की बैठकों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता तो होती है, लेकिन वर्तमान में गंगोत्री धाम में ऐसा नहीं दिख रहा है। ठंड से बचने के लिए अलाव तक की भी व्यवस्था नहीं की गई। आज सुबह ही गंगोत्री का तापमान -1 डिग्री सेंटीग्रेट था। लोग दुकानदारों की ओर से जलाए गए अलाव में खड़े होकर सर्दी के खुद को बचाने को मजबूर हो रहे हैं।
सनातन धर्म में गंगोत्री धाम में गंगा स्नान का महत्व है। वहीं मां गंगा का जल बहुत ठंडा है, लेकिन आस्था व विश्वास के साथ लोग गंगा मैं डुबकी लगाते हैं। इसके बाद सर्दी से बचने के लिए उनके लिए अलाव तक नहीं है। यहां गंगा गंगोत्री के नाम से कई रजिस्टर्ड संस्थाएं हैं। इन संस्थाओं का भी इस ओर कोई ध्यान तक नहीं गया है। श्री पांच मंदिर समिति गंगोत्री, गंगा पुरोहित सभा सहित तमाम संस्थाएं इस ओर मौन हैं।
गंगोत्री से सत्येंद्र सेमवाल की रिपोर्ट।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।