सरकार ने दी सलाह, अब घर पर भी पहने मास्क, मई के दूसरे से तीसरे सप्ताह पीक पर होगी लहर
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब सरकार ने भी सलाह दी है कि घर पर भी मास्क पहने। अब वो वक्त आ गया है, जब घर के सदस्यों को भी एक दूसरे से दूरी बनानी होगी। अभी मई माह के दूसरे से तीसरे सप्ताह के बीच कोरोना लहर के पीक पर आने का अनुमान है। इसके बाद मामलों में कमी आ सकती है।
कोरोना की दूसरी लहर में लोगों में दिलोदिमाग में इन दिनों कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका सवाल अब हर कोई जानना चाहता है। पहला यह कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब आएगा। दूसरा ये है कि क्या अब ऐसे हालात हैं कि घर में भी मास्क पहनना पड़ेगा।
कोविड-19 स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 26 अप्रैल को हुई प्रेस कॉन्फ्रेस में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि अब समय आ गया है कि आपको घर में भी मास्क पहनने की जरूरत है। दूसरी ओर, आईआईटी के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में महामारी की दूसरी लहर मई के दूसरे-तीसरे हफ्ते में पीक पर होगी। उसके बाद मई के आखिर तक कोरोना मामलों में तेजी से कमी आएगी।
सवाल ये है कि सरकार ऐसा क्यों कह रही है कि परिवार के साथ घर में रहने पर भी मास्क पहनें। इस सवाल का जवाब भी सरकार ने ही दिया है। केंद्र सरकार ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करे तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति की गतिविधि 50 प्रतिशत तक थम जाए तो इस अवधि में केवल 15 लोग संक्रमित होंगे।
वहीं गतिविधि 75 प्रतिशत तक घटने पर एक व्यक्ति 30 दिनों में 2.5 लोगों को संक्रमित कर सकता है। टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए सरकार ने सलाह दी है कि यह ऐसा समय है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए। इसके पीछे आज के समय में बढ़ते संक्रमण को वजह बताया गया।
भारत में नए केस की रफ्तार कुछ थमी
लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच मंगलवार को कुछ राहत भरी खबर आई है। कोरोना के बढ़ते मामलों में कुछ ब्रेक लगा है। 27 अप्रैल की सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे में कोविड-19 के 323144 नए मामले दर्ज किए गए। साथ ही कोरोनावायरस से 2771 लोगों की मौत हुई। इससे पहले सोमवार 26 अप्रैल को अब तक के सर्वाधिक नए केस और मौत के मामले सामने आए थे। सोमवार को 352,991 नए कोविड-19 के केस दर्ज किए गए थे। साथ ही 2,812 लोगों की मौत हो हुई थी। यानी कल की अपेक्षा आज 29847 मामले कम दर्ज किए गए। साथ ही ये लगातार छठा दिन है, जब एक दिन मे कोरोना के तीन लाख से ज्यादा संक्रमित मिले। मंगलवार को कोरोना के मामलों में हल्की कमी आने के पीछे शहरों में लगाया जा रहा लॉकडाउन भी हो सकता है।
उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे हैं एक्टिव केस
उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। सोमवार 26 अप्रैल की शाम को स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में 5058 नए संक्रमित मिले। वहीं, 24 घंटे के भीतर 67 लोगों की मौत हुई और 1601 लोग स्वस्थ हुए। वर्तमान में एक्टिव केस 39031 हो गए हैं। वहीं रविवार को 4368 नए केस दर्ज किए गए थे और 44 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई थी। इससे पहले शनिवार 24 अप्रैल को अब तक के सर्वाधिक 5084 नए संक्रमित मिले थे और 81 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी।
सर्वाधिक संक्रमित देहरादून में, हरिद्वार दूसरे नंबर पर
24 घंटे के बीतर सर्वाधिक संक्रमित देहरादून जिले में मिले। वहीं, हरिद्वार दूसरे नंबर पर है। देहरादून में 2034, हरिद्वार में 1002, नैनीताल में 767, पौड़ी में 323, उधमसिंह नगर में 283, अल्मोड़ा में 135, चंपावत में 104 संक्रमित मिले। प्रदेश में अब कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 156859 हो गई है। इनमें से 112265 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 2213 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। टीकारण अभियान के तहत सोमवार को 662 केंद्र में 42614 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए।
63 स्थानों पर कंटेनमेंट जोन
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 163 स्थानों पर कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। यहां लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे स्थानों में सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। वहीं, लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। एक परिवार के एक सदस्य को आवश्यक वस्तु के लिए मोबाइल वेन तक जाने की अनुमति है।
कई शहरों में एक सप्ताह का कर्फ्यू
देहरादून में देहरादून और ऋषिकेश, नैनीताल में हल्द्वानी, रामनगर और लालकुआं, पौड़ी में कोटद्वार, स्वर्गाश्रम व लक्ष्मणझूला, टिहरी के कई कस्बों, उधमसिंह नगर आदि में गत रात से तीन मई की सुबह तक के लिए कोविड कर्फ्यू लागू है। यहां आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। अन्य स्थानों पर हर शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू है।
आनलाइन ही बेहतर विकल्प
चाहे सरकार के मंत्री हों या फिर अधिकारी। अभी भी वे दरबार सजाने में गुरहेज नहीं कर रहे हैं। प्रेस वार्ता के नाम पर या फिर अधिकारियों को निर्देश देने के नाम पर। या फिर निरीक्षण के नाम पर दो से ज्यादा लोग एक स्थान पर जमा हो रहे हैं। उत्तराखंड में भी ये बात अभी तक न तो नेताओं को समझ आ रही है और न ही अधिकारियों को। अब वक्त आ गया है कि सभी पहले कोरोना से खुद को बचाएं। साथ ही जो पूर्व में संक्रमित हो चुके हैं, वे तो और अधिक सतर्क रहें। क्योंकि उनके शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता तो बनी, लेकिन कोरोना का खात्मा नहीं हुआ। यदि उनके शरीर में कोरोना जिंदा है तो वे और अधिक लोगों को संक्रमित करेंगे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
अभी तीन लाख से ऊपर हैं रफ्तार कहा कम हुई, अभी तो बढेगा