चावल गेहूं से नहीं बनेगी बात, हर माह दें पूरा राशन, अप्रैल से ही करें लागूः मनीष

उत्तराखंड मे कांग्रेस नेता एवं पूर्व दर्जाधारी मनीष कुमार नागपाल ने कहा कि कोरोनाकाल में गरीब परिवारों के लिए मई व जून में पांच किलो चावल व पांच किलो गेहूं देने से काम नहीं चलेगा। कोरोनाकाल में गरीब परिवार पूरी तरह से टूट चुके हैं। ऐसे में उन्हें अप्रैल माह से ही योजना का लाभ दिया जाए। साथ ही गेहूं और चावल से काम नहीं चलने वाला। गरीबों को पूरी राशन किट दी जानी चाहिए। जिसमें चीनी, नमक से लेकर सारी जरूरी वस्तुएं हों।
एक बयान में उन्होंने कहा कि जब बड़े-बड़े पूंजीपतियों का अरबों रुपये का कर्ज माफ हो सकता है, तो इस महामारी में राशन क्यों नहीं दिया जा सकता। अगर गरीब की इतनी चिंता है तो सरकार को सारा राशन उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में जो कोरोना किट पर भाजपा की अंदरूनी राजनीति चल रही है, वह बेहद ही शर्मनाक है। अगर पूर्व मुख्यमंत्री का फोटो लगी किट भी बट जाती तो क्या फर्क पड़ने वाला था। इस कोरोना महामारी में तो कम से कम यह सब राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि समय से कोरोना किट पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से वितरण ना करना अपने आप में प्रश्नचिन्ह लगाता है। जहां महामारी चरम पर है ऐसे में मरीजों को किट उपलब्ध ना करवाना निंदनीय है। भाजपा अपनी अंदरूनी राजनीति कोरोना पर ना करे। इससे जनता को नुकसान उठाना पड़ा है और कोरोना के मरीज इलाज करवाने के लिए जगह-जगह धक्के खा रहे हैं। अगर सरकार ने पूर्व में तैयारी करी होती तो यह स्थिति ना होती। सरकार की स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही जगजाहिर है। आने वाले समय में जनता इनको अवश्य जवाब देगी।





