Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 8, 2024

युवा कवि नवीन जोशी की गढ़वाली कविता-मैं थ्वऴु छौं

कवि टिहरी गढ़वाल के पिलखी के पोस्टऑफिस में उपडाकपाल के पद पर कार्यरत हैं।

मैं थ्वऴु छौं
जु बांसा लाठा कु बण्यों छौं
चाहे मैं कनु भी छौं
पर मैं मजबुत छौं

मैं कभी भैसों सणि घी पिलौदों छौं
मैं कभी बळ्दु सणि तेल पिलौदों छौं
मैं कभी बाखरों सणि दूध पिलौदों छौं
मैं कबि गाजि तैं बतीसु घोल पिलौदों छौं

अफुमा एक यंत्र छौं
जु पशुओं कु ध्यान रखदौं
तुमरा घर‌ कि शान‌ छौं
फिर‌ भी मजबूत ‌ छौं

मैं त पुराणा जमाना बिटी‌ छौं
मैं अगर हिफाजत सी रख्यूं होंदो त
मैं आज कु भी सल्लि बैध छौं
अर ‌आज भी मजबूत छौ

कवि का परिचय
नाम-नवीन जोशी
कवि टिहरी गढ़वाल के पिलखी के पोस्टऑफिस में उपडाकपाल के पद पर कार्यरत हैं। वह टिहरी गढ़वाल के थौलधार विकासखंड के कोट गांव के निवासी हैं। कविता लिखना उनका शौक है।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “युवा कवि नवीन जोशी की गढ़वाली कविता-मैं थ्वऴु छौं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page