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November 8, 2024

शिक्षक माधव सिंह नेगी की गढ़वाली कविता- सरस्वती अर्ज-गर्ज

शिक्षक माधव सिंह नेगी की गढ़वाली कविता- सरस्वती अर्ज-गर्ज।

सरस्वती अर्ज-गर्ज

सरस्वती भगबती, हमूं तैं दे तु भलि मति।
मति दे, शुद्धि दे, बुद्धि दे, बल दे माँ।।

उपकार कर माँ ,बिपदा तू हर माँ।
ज्ञान दे, ध्यान दे, मान दे, सम्मान माँ।।

सरस्वती भगबती हमूं तैं दे तू भलि मति।
मति दे, शुद्धि दे, बुद्धि दे, बल दे माँ ।।

लेखनी मा धार दे माँ, बाणि मा सुबिचार दे माँ।
ऋद्धि दे माँ सिद्धि दे माँ, भाग्य मा वृद्धि दे माँ।।

सरस्वती भगबती हमूं तैं दे तू भलि मति।
मति दे, शुद्धि दे, बुद्धि दे, बल दे माँ।।

गीत दे, संगीत दे माँ, लय ताल छन्द दे माँ।
प्रेम दे, स्नेह दे, सुनीति दे, कळा दे माँ।।

सरस्वती भगबती हमूं तैं दे तू भलि मति।
मति दे, शुद्धि दे, बुद्धि दे, बल दे माँ ।।

बाळों तैं बुद्धि दे माँ, दानों मा सुद्धि दे माँ।
अंध्यारु मिटै दे, उज्याळु फैले दे माँ।।

सरस्वती भगबती हमू तैं दे तू भलि मति।
मति दे, शुद्धि दे, बुद्धि दे, बल दे माँ।।

कवि का परिचय
नाम-माधव सिंह नेगी
प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय जैली
ब्लॉक जखोली, जिला रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।

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