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December 17, 2024

उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन की पहचान दिलाने को गढ़भोज अभियान शुरू, विस अध्यक्ष ने तले पकौड़े

उत्तराखंड के पारम्परिक भोजन को पहचान व बाजार दिलाने के लिये हिमालय पर्यावरण जड़ी बुटी एग्रो संस्थान जाड़ी की ओर से वर्ष 2021 को गढ़ भोज के रूप मे मनाया जा रहा है। जिसका शुभारंभ आज विधनसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने राजपुर रोड़ स्थित बालिका इंटर कालेज मे अयोजित कार्यक्रम में संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की शुरूआत विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने दाल के पकौड़े तलकर की।
प्रथम सत्र में पधारे राज्य के शिक्षा मंत्री माननीय डा. धन सिंह रावत ने कहा कि जाड़ी संस्थान की ओर से शुरू की गई मुहिम राज्य में स्वरोजगार का नया आयाम स्थापित करेगी। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराएगी। स्थानीय समुदाय और लोग इसकी खेती को प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने इस प्रयास को सराहनीय प्रयास बताया और कहा कि हमारे सहकारिता या अन्य लाइन डिपार्टमेंट के माध्यम से जो भी सहयोग इस अभियान को चलाने के लिए चाहिए, किया जाएगा।


तदोपरांत राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य में गढ़ भोज स्थानीय संसाधनों खाद्य श्रृंखला है। उस को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस विभाग ने अभियान के साथ वर्ष 2020 में पूर्व में ही पुलिस विभाग की कैंटीन में शामिल किया था। अब पूरे राज्य की कैन्टीनो यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने संस्था और देहरादून के साथ जो अन्य सहयोगी संगठन हैं, उनको साधुवाद दिया।
कार्यक्रम के बीच बीच में गर्ल्स इंटर कॉलेज की बालिकाओं ने अतिथियों के स्वागत में वंदना की और गीत प्रस्तुत किए। छात्राओं ने पहाड़ की संस्कृति और पर्यावरण आधारित गीत भी सुनाए। द्वितीय सत्र में वक्ताओं ने बालिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्थानीय भोजन हमारे लिए सबसे पोषक भोजन है ।


गढ़भोज वर्ष 2021 अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर माननीय विधनसभा अध्यक्ष ने उद्बोधन से पूर्व दाल के पकोड़े बना कर अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान की ओर से आयोजित गढ़ भोज वर्ष 2021 कार्यक्रम में सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पारंपरिक फसलों के आधार पर तैयार किये गए भोजन को बाजार उपलब्ध हो एवं दैनिक जीवन के व्यवहार में हम इस भोजन को ला सकें। इन उद्देश्यों को लेकर संस्थान का यह कार्यक्रम आयोजित करना सराहनीय प्रयास है।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि जितनी पौष्टिकता हमारे पारंपरिक भोजन में है, इतनी पौष्टिकता पाश्चात्य संस्कृति के जंक फूड में नहीं है। देहरादून में संपन्न हुए देश भर के पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन में हमने उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन को परोसा। जिसकी देश भर के विधानसभा अध्यक्षों ने भूरी भूरी प्रशंसा की।
इतना ही नहीं इस सम्मलेन में हमने उत्तराखंड के पारंपरिक वेशभूषा एवं लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किये। यहीं से पने स्थानीय उत्पादकों एवं लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास शुरू होता है।
उन्होने कहा की जैसे वर्ष 2020 कोरोना के नाम से जाना जायेगा। वैसे बर्ष 2021 गढ़ भोज वर्ष के नाम से जाना जायेगा। मेरी कोशिश होगी की मिड डे मिल व सभी सरकारी गैर-सरकारी कैंटीन मे सप्ताह के एक दिन आवश्यक रूप से गढ़ भोज परोसा जायेगा।
गढ़ भोज अभियान के सूत्रधार द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की गढ़ भोज वर्ष 2021 के अवसर पर पूरे वर्ष भर जनजागरण के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। कार्यक्रम के शुरुआत मे स्कूल की प्रधानाचार्य प्रेमलता बोड़ई व द्वारिका प्रसाद सेमवाल द्वारा सभी अथितियो को शाल व गढ़ भोज किट देकर स्वागत किया गया। रविन्दर मोहन काला परदेशीक सचिव भारत स्कऊट, पवन नौटियाल, मोहन सिंह रावत गाववासी जी ने अपने विचार रखे।
कार्यकम मे जेपी मैठाणी आगाज फेडरेसन, कुसुम घिन्डियाल सिडस, विकास पन्त, दिव्यांशू, अभिषेक, मधावेंद्र रावत, प्रेम पंचोली, पवन नौटियाल, प्रेमलता बोडाई, टीका राम पंवार, देव सिंह पंवार, सुबोधनी जोशी, विजय लक्ष्मी, हिमानी धवन , मीनाक्षी रावत, आशा पन्त, सुमन, देवेन्दर, अनिता नेगी, अलका विज्लवाण, नीलम थपलियाल आदि मौजूद थे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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