सात अक्टूबर को आयोजित होगा गढ़ भोज दिवस, उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन से कराया जाएगा परिचय

नई पीढ़ी परम्परागत मोटे अनाजों से बनने वाले भोजन को जानने रे लिए और इसे अपनी थाली का हिस्सा बनाने के लिए उत्तराखंड की समृद्ध भोजन परंपरा को देश दुनिया के सामने लाने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी गढ़ भोज के प्रचार प्रसार में जुटा है। इसके तहत हर साल राज्य में सात अक्तूबर को गढ़ भोज दिवस मना रहा है। ये सिलसिला वर्ष 2022 से चल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गढ़ भोज दिवस की कल्पना के पीछे मात्र एक उत्सव का विचार नहीं है, बल्कि इसके पीछे उद्देश्य है कि वर्ष में कम से कम एक दिन उत्तराखंड के औषधीय गुणों से भरपूर फसलों से बनने वाले भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने पर चर्चा की जाए। साथ ही उन लोगो के प्रति कृतज्ञता प्रेषित करना है, जिन्होंने विरासत में हमे यह फसलें व भोजन दिए।
इस वर्ष विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रवासी अमेरिका, जर्मनी न्यूजीलैंड, नीदरलैंड सहित भारत के गुजरात, उत्तरप्रदेश, दिल्ली एवं उत्तराखंड में स्कूल, कालेजों, पंचायतों, राज्य के स्वास्थ्य विभाग एवं सहकारिता विभाग सामूहिक प्रसास से द्वितीय गढ़ भोज दिवस को मनाया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि उत्तराखंड के परंपरागत भोजन और फसलों को बढावा देने के लिए गढ़भोज का आयोजन सात अक्टूबर को देहरादून में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननुर खेड़ा रायपुर में होगा।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।